बिस्फी. सिमरी बाजार स्थित ब्रह्मस्थान परिसर में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ से पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना हुआ है. कथा के छठे दिन रविवार को कृष्ण जन्मोत्सव की मनमोहक झांकी दिखाई गई. अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने कथा का रसास्वादन किया. काशी वाराणसी से आये बाबा डॉ. शंभु चैतन्य महाराज ने कहा कि अन्याय का विरोध करने में किसी प्रकार का संकोच लोगो को नही करनी चाहिए. चाहे कोई भी हो. उन्होंने बताया कि जैसे प्रह्लाद जी ने अपने पिता हिरण्यकश्यप का घोर विरोध किया. वो सत्य के विरुद्ध लड़ता रहा. अंततः प्रह्लाद की जीत हुई. हिरण्यकश्यप मारा गया. कहा कि कंस के अत्याचार, अनाचार से जनता त्राहि त्राहि कर रही थी. जिसे बचाने के लिए श्रीकृष्ण का जन्म पृथ्वी पर हुआ. उन्होंने कंस का वध कर जनता की ीक्षा की. कथा के दौरान नैमिषारण्य उत्तर प्रदेश से आये स्वामी दंडी बाबा अवधेशानंद जी महाराज भी मंचासीन थे. वृंदावन धाम से पंहुचे आचार्य महेशानंद शास्त्री, बीरेंद्र अवस्थी और मनीष तिवारी के नेतृत्व में सीमा देवी, इंद्रकला देवी, मधु विद्या के सहयोग से कृष्ण लीला की भव्य झांकी निकाली गई. कथा में बिंदेश्वर मिश्र, समिति के अध्यक्ष रामनारायण मिश्र, महाशंकर झा, दिवाकर झा, लालेश्वर झा, मिथिलेश झा, लक्ष्मीकांत झा, संजय झा, शोभाकांत लाल दास और स्थानीय सरपंच हीरालाल यादव सहित सिमरी, दुबियाही, परसा, सलेमपुर, जफरा गांवो से पंहुचे भक्तजनों ने कथा का श्रवण किया.
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