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Madhubani : अस्पताल के गेट पर प्रसूता की डिलीवरी, बच्चे की मौत

अनुमंडलीय अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आयी है. प्रसव पीड़ा से कराह रही प्रसूता को ड्यूटी में तैनात चिकित्सक या स्वास्थ्यकर्मियों ने देखना भी उचित नहीं समझा.

मानवता शर्मसार. लेबर रूम में प्रसव पीड़िता को देखा तक नहीं, डॉक्टर ने बाहर ले जाने को कहा -रेफर पर रेफर करने में जच्चा (प्रसूता) की भी मौत बेनीपट्टी . अनुमंडलीय अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आयी है. प्रसव पीड़ा से कराह रही प्रसूता को ड्यूटी में तैनात चिकित्सक या स्वास्थ्यकर्मियों ने देखना भी उचित नहीं समझा. इससे जच्चा और बच्चा दोनों की जान चली गयी. प्रखंड के चानपुरा निवासी बेचन कुमार की पत्नी खुशबू का प्रसव होना था. तबीयत बिगड़ने पर उसके पति व परिजन उसे लेकर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे. घटना सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे की है. प्रसूता के पति बेचन ने बताया िक वह पहली मंजिल पर स्थित लेबर रूम में पत्नी को ले गये. वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने वहां से नीचे चिकित्सक के पास ले जाने को कहकर टाल दिया. इसके बाद जब वह अपनी पत्नी को नीचे सात नंबर कमरे में तैनात चिकित्सक के पास ले गया, तो उन्होंने बिना देखे ही बाहर जाने की सलाह दे दी. वह अपनी पत्नी को लेकर बाहर निकलने लगा, तो महिला की प्रसव पीड़ा और तेज हो गयी. इससे वह हॉस्पिटल के मुख्य गेट पर ही बैठ गयी. वहीं बैठकर कराहने लगी. उसके पति ने अस्पताल के उपाधीक्षक को फोन कर पूरी जानकारी दी. उन्होंने ड्यूटी में तैनात चिकित्सक को मरीज को तुरंत जाकर देखने को कहा. इसके बाद भी उन्होंने पीड़िता को देखना जरूरी नहीं समझा. लिहाजा अस्पताल के गेट पर ही महिला की डिलीवरी होने लगी. उसे देख आसपास की महिलाओं ने तुरंत साड़ी का घेरा बना दिया. प्रसव कराने के प्रयास में जुट गयीं. डिलीवरी सफल नहीं हो पायी. नवजात शिशु का शरीर बाहर और गर्दन अंदर ही फंस गयी. स्थिति बिगड़ते देख ड्यूटी में तैनात चिकित्सक ने एंबुलेंस बुला प्रसूता को वहां से रेफर कर दिया. महिला को एक निजी क्लिनिक में भर्ती करा दिया गया. वहां प्रबंधन ने मरीज के परिजन से 40 हजार रुपये फीस की मांग की. कुछ देर निजी हॉस्पिटल में रहने के बाद वहां से भी प्रबंधन ने पुपरी और फिर वहां से सीतामढ़ी रेफर कर दिया गया. वहां पीड़िता की मौत हो गयी. घटना की सूचना मिली है. हर एक तथ्य की जांच की जा रही है. जिस किसी भी चिकित्सक या स्वास्थ्य कर्मी की लापरवाही पायी जाएगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मरीजों के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. डॉ विकास मदन हरिनंदन, अस्पताल उपाधीक्षक.

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