झंझारपुर. मधेपुर टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में छात्रों को माइक्रो टीचिंग से संबंधित मूलभूत कौशलों की समझ और व्यावहारिक ज्ञान बढ़ाने के उद्देश्य से एक एक्सटेंशन व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. व्याख्यान के रिसोर्ससर डॉ. अंसार अहमद, प्रतिष्ठित शिक्षाविद, जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली से थे. डॉ. अहमद ने माइक्रो टीचिंग के इतिहास के बारे में बताया. बताया कि माइक्रो टीचिंग वास्तविक शिक्षण का एक रुप है, जिसे अनुकरण करने वाले परिस्थितियों में संचालित किया जाता है. जो रचनात्मक फीडबैक पर आधारित होता है और शिक्षण प्रदर्शन में अधिकतम सुधार लाने पर केंद्रित होता है. उन्होंने कहा कि माइक्रो टीचिंग के माध्यम से विकसित कौशल को वास्तविक कक्षा शिक्षण में अवश्य रुपांतरित किया जाना चाहिए, ताकि शिक्षण की गुणवत्ता और सीखने के परिणाम बेहतर हो सकें. कॉलेज ने यह भी घोषणा किया कि माइक्रो टीचिंग प्रैक्टिस सत्र शीघ्र ही 15 दिनों के लिए औपचारिक रूप से प्रारंभ किए जाएंगे. प्रत्येक कौशल की शुरुआत डेमोंस्ट्रेशन सत्रों से होगी, जिसके बाद द्वितीय वर्ष के बी.एड. तथा डी.एल.एड. छात्र माइक्रो टीचिंग के पाँच मुख्य कौशलों का अभ्यास करेंगे. कार्यक्रम में सत्य नारायण अग्रवाल, अध्यक्ष, कॉलेज प्रबंध समिति, मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे. मंच संचालन सुशील कुमार रॉय, सहायक प्राध्यापक (समाजशास्त्र) ने किया. सत्र की शुरुआत स्वागत भाषण से हुई, जिसे गौरी शंकर ठाकुर, सहायक प्राध्यापक (ललित कला) ने प्रस्तुत किया. कॉलेज प्राचार्य डॉ. सैफ़ुल्लाह ख़ान ने आधुनिक शिक्षक शिक्षा में माइक्रो टीचिंग के महत्व पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम का समापन डॉ. दिव्यांशु शेखर, सहायक प्राध्यापक (पर्यावरण शिक्षा) द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.
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