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Madhubani News : जिले में 6650 हुई टीबी मरीजों की संख्या

राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बुधवार को यक्ष्मा कार्यालय में सीडीओ डॉ. जीएम ठाकुर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक हुई.

मधुबनी.

राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बुधवार को यक्ष्मा कार्यालय में सीडीओ डॉ. जीएम ठाकुर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक हुई. मौके पर डॉ. ठाकुर ने कहा कि टीबी जैसी गंभीर बीमारी के उन्मूलन के लिए विभाग लगातार काम कर रहा है. इसके बाद भी टीबी मरीजों की संख्या में प्रतिमाह बढ़ोतरी हो रही है. विभाग के लिए यह एक चुनौती है.

आंकड़े पर गौर करें तो जिला में 31 सितंबर 2025 तक टीबी मरीजों की संख्या 4800 थी, जो 31 अक्टूबर तक बढ़कर 5600 हो गयी. वहीं 30 नवंबर तक यह आंकड़ा बढ़कर 6650 हो गया. सीडीओ ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को फिल्ड स्तर पर जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करना होगा. उपस्थित कर्मियों को आशा द्वारा संवेदनशील एवं असुरक्षित जनसंख्या की अद्यतन लाईन लिस्ट नियमित रूप से तैयार करने व सूची को प्रखंड स्तर पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. एसटीएस को अनिवार्य रूप से हर माह निजी चिकित्सकों से संपर्क करने का निर्देश दिया. ताकि निजी क्षेत्र में टीबी नियंत्रण गतिविधियों का सशक्त एकीकरण किया जा सके. घर-घर संपर्क, पारिवारिक संपर्कों की पहचान और जांच पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया. ताकि किसी भी संभावित टीबी रोगी की पहचान में देरी नहीं हो. टीबी और एचआईवी समन्वय गतिविधियों को और मजबूत किया जाए. ताकि इंफेक्शन वाले मरीजों का उपचार समय पर शुरू हो सके. उन्होंने सभी फील्ड अधिकारियों से आह्वान किया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के लक्ष्य को वर्ष 2030 से पहले प्राप्त करने के लिए टीम भावना से कार्य करें.

जिले में लगातार हो रहा है टीबी मरीजों में इजाफा

सीडीओ ने बताया कि जिले में जनवरी 2025 से अक्टूबर 2025 तक टीबी के 5633 मरीज चिन्हित हुए. इसमें सरकारी संस्थानों से 3305 एवं प्राइवेट संस्थानों से 2328 मरीज चिह्नित किया गया. अक्टूबर माह में टीबी के 550 मरीज चिन्हित हुए, इसमें प्राइवेट में 278 व सरकारी संस्थान में 260 मरीज चिन्हित किया गया. इसमें एमडीआर के 12 मरीजों की पहचान की गई है. वहीं जनवरी 2025 से नवंबर 2025 तक टीबी के 6650 मरीज चिन्हित हुआ. इसमें सरकारी संस्थानों से 3789 एवं प्राइवेट संस्थानों से 2861 मरीज चिन्हित हुआ नवम्बर माह में टीबी के 549 मरीज चिन्हित हुए, जिसमें प्राइवेट में 311 व सरकारी संस्थान में 231 मरीज चिन्हित किया गया. इसमें एमडीआर के 7 मरीजों की पहचान की गई है. एमडीआर के मरीजों का उपचार 9 माह से 2 साल तक चलता है. उन्होंने बताया कि राज्य के निर्देशानुसार प्रति 1000 जनसंख्या पर 30 लोगों का टीबी का स्क्रीनिंग किया जाना है. जिले के 16 प्रखंड में ट्रूनट मशीन से टीबी की जांच की जा रही है. संचारी रोग पदाधिकारी डॉक्टर ठाकुर ने कहा जिले में टीबी मरीजों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण अधिकतर मरीजों द्वारा बीच में ही इलाज एवं नियमित रूप से दवा का सेवन छोड़ देना है. इसके लिए विभाग द्वारा निक्षय मित्र योजना की शुरूआत की गई है. टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए विभाग द्वारा यक्ष्मा मरीजों के संपर्क में रहने वाले परिजनों को ट्यूबरक्लोसिस प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट दी जाती है. इसके तहत आइसोनियाजेड एवं रिफापेंटिंन की डोज दी जा रही है. बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला टीबी कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर जीएम ठाकुर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि, एसटीएस, एसटीएलएस व टीबी उन्मूलन कार्यक्रम से जुड़े सदस्य उपस्थित थे.

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