21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Madhubani News. प्रभु श्रीराम ने तोड़ा धनुष, श्रदालुओं ने की पुष्पवर्षा

जनकपुर धाम में विवाह पंचमी के तीसरे दिन मंगलवार को रंग भूमि मैदान( बारहवीघा) में धनुष यज्ञ समारोह संपन्न हुआ. इस अवसर पर प्रभु श्रीराम ने धनुष भंग किया तो जनकपुर वासियों ने पुष्पवर्षा की.

हरलाखी/बासोपट्टी . पड़ोसी देश नेपाल के जनकपुर धाम में विवाह पंचमी के तीसरे दिन मंगलवार को रंग भूमि मैदान( बारहवीघा) में धनुष यज्ञ समारोह संपन्न हुआ. इस अवसर पर प्रभु श्रीराम ने धनुष भंग किया तो जनकपुर वासियों ने पुष्पवर्षा की. जयपुर से आए रामलीला कलाकारों ने धनुष यज्ञ कार्यक्रम का मंचन किया. कार्यक्रम में श्रीराम सीता विवाह का पूरा मंचन किया गया. सीता स्वयंवर से धनुष भंजन तक का किया गया मंचन कार्यक्रम के दौरान सीता स्वयंवर की शुरुआत से धनुष भंजन तक का मंचन किया गया. जिसे उपस्थित दर्शकों ने खूब सराहा. कार्यक्रम के दौरान उपस्थित श्रद्धालु राम सीता के जयकारा लगाते रहे. इस दौरान कलाकारों ने कार्यक्रम की शुरुआत में दिखाया कि विदेह राज जनक के दरबार में राजा जनक द्वारा आयोजित सीता स्वयंवर से होता है जिसमें भाग लेने के लिए देश के कोने-कोने से राजा आए हैं. उसी समय गुरु विश्वामित्र श्री राम लक्ष्मण के साथ धनुष यज्ञ सभा में भाग लेते हैं. जहां रावण सहित बड़े बड़े शूरवीर मौजूद होते हैं. इस दौरान राजा जनक ने घोषणा किया कि जो भी राजा शिव धनुष को उठाकर इस पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, सीता जी का विवाह उसी के साथ होगा. राजा जनक के घोषणा के अनुसार लंकापति रावण सहित बड़े बड़े राजाओं ने धनुष उठाने की खूब जोर आजमाइश की. लेकिन प्रत्यंचा चढ़ाने की बात तो दूर रही. कोई धनुष को तिल भर हिला भी नही सका. एक-एक कर सारे राजा हताश होकर सिर झुका कर बैठ गए. इस पर राजा जनक बोले यदि उन्हें मालूम होता कि यह धरती वीरों से खाली है, तो वह ऐसी प्रतिज्ञा कभी न करते. इतना सुनते ही लक्ष्मण जी क्रोध में लाल हो गए. लक्ष्मण ने कहा कि रघुवंशी के रहते राजा जनक को ऐसी अनुचित बात नहीं बोलना चाहिए. यदि गुरुजी का आदेश मिल जाये तो यह धनुष क्या चीज है. मैं पूरे ब्रह्मांड को गेंद की तरह उठाकर दौड़ सकता हुं, और कच्चे घड़े की तरह फोड़ भी सकता हूं. देखी बिपुल बिकल बैदेही। निमिष बिहात कलप सम तेही।। तृषित बारि बिनु जो तनु त्यागा। मुएं करइ का सुधा तड़ागा॥ इधर पिता को मायूस देख जानकी जी चिंतित हो जाती है. एक पल के लिए वे भी मान लेती है कि शायद अब मेरा विवाह प्रभु श्रीराम से नहीं हो सकता और वे मन ही मन गिरिजा माई को याद करती है. वहीं जब भगवान राम ने जानकी जी को बहुत ही विकल देखा. उनका एक-एक क्षण कल्प के समान बीत रहा था. मानों यदि प्यासा आदमी पानी के बिना शरीर छोड़ दे, तो उसके मर जाने पर अमृत का तालाब किस काम का? सारी खेतों का फसल सूख जाने पर वर्षा किस काम की. समय बीत जाने पर फिर पछताने से क्या लाभ? मन ही मन सोच समझकर श्री रामजी ने जानकी जी की ओर देखा और उनका विशेष प्रेम देख वे पुलकित हो गए. फिर बिना कोई विलंब किए भगवान ने गुरु को प्रणाम किये. इसके बाद भगवान राम को गुरु विश्वामित्र ने धनुष भंग करने का आदेश दिया. इस पर भगवान राम ने अपने आराध्य शिव का ध्यान कर बड़ी फुर्ती से धनुष को फुल की तरह उठा लिया. धनुष उठाते ही बिजली की तरह चमका और फिर आकाश में मंडल जैसा (मंडलाकार) हो गया. तीनों लोक गूंजने लगा. सूर्य के घोड़े मार्ग छोड़कर चलने लगे. दिग्गज चिग्घाड़ने लगे, धरती डोलने लगी, शेष, वाराह और कच्छप कलमला उठे. देवता, राक्षस और मुनि कानों पर हाथ रखकर सब व्याकुल होकर विचारने लगे. तभी एक क्षण में श्री रामजी ने धनुष को तोड़ डाला, धुनष टूटते ही जय श्री राम के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया. देवताओं जनकपुर वासियों ने श्रीराम व किशोरी जी पर पुष्पवर्षा की. सभी श्री रामचन्द्र की जय”””” बोलने लगे. फिर प्रभु ने धनुष के दोनों टुकड़े को पृथ्वी पर रख दिये. यह देखकर जानकी जी प्रसन्न हुई. आकाश में बड़े जोर से नगाड़े बजने लगे और देवांगनाएँ नाचगान करने लगीं. ब्रह्मा आदि देवता, सिद्ध और मुनीश्वर सभी प्रभु की प्रशंसा कर रहे हैं और आशीर्वाद दे रहे हैं. वे रंग-बिरंगे फूल और मालाएँ बरसा रहे हैं. किन्नर लोग रसीले गीत गा रहे हैं. सारे ब्रह्माण्ड में जय-जयकार की ध्वनि छा गयी. इस अवसर पर जानकी मंदिर परिसर में आयोजित धनुष यज्ञ कार्यक्रम को देख रहे सभी दर्शक प्रसन्न होकर अपने-अपने जगहों पर नाचने झूमने लगे. सब कहते दिखे कि श्री रामचन्द्रजी ने शिवजी के भारी धनुष को तोड़ डाला. इसके बाद प्रभु श्रीराम व जानकी जी ने एक दूसरे को जयमाला पहनाई. महिलाओं ने मंगलगीत गाते हुए श्रीराम जानकी जी पर पुष्पवर्षा की. मानों एक बार फिर जनकपुरधाम में त्रेतायुग आ गया हो. सब ने प्रभु राम व माता जानकी का दर्शन की. वहीं दर्शकों ने तालियां बजाकर रामलीला कलाकारों को धनुष यज्ञ मंचन कार्यक्रम का सराहना की. इस मौके पर मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास वैष्णव जनक के भूमिका निभाई. धनुष यज्ञ के कार्यक्रम में मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह, जनकपुरधाम के मेयर मनोज कुमार साह , धनुषा के सीडीओ, जनकपुरधाम के मठ मंदिरों के साधु संत, महंत राजेंद्र सिंह पंकज सहित अयोध्या से आयी बारात भी शामिल थे.धनुष कार्यक्रम को हजारों लोगों ने आनंद लिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel