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Madhubani News : आवास योजना के लाभ से वंचित हैं सैकड़ों परिवार, घर के आस में तोड़ डाला पुराना घर

तापमान में लगातार गिरावट इस कदर है कि बीते 27 साल का रिकॉर्ड टूट गया. लोगों का ठंड से हाड़कांप रहा है.

मधुबनी.

तापमान में लगातार गिरावट इस कदर है कि बीते 27 साल का रिकॉर्ड टूट गया. लोगों का ठंड से हाड़कांप रहा है. बीते एक पखवाड़े से लगातार कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है. मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में कहा है कि यह स्थिति अगले पांच से 6 दिनों तक और बनी रहेगी. ठंड से बचने के लिये हर व्यक्ति अपने-अपने संसाधन के अनुसार बचाव की कोशिश में हैं, लेकिन सबसे अधिक परेशानी शहर में रहने वाले उन परिवार को हो रही है. जिनके पास रहने को एक घर तक नहीं है. सालों से वे घर के इंतजार में हैं.

दरअसल, इन परिवारों को नगर निगम प्रशासन ने कहीं का नहीं छोड़ा है. आवास योजना के तहत लाभ दिये जाने के लिये चिन्हित तो कर लिया गया, कुछ को प्रथम किस्त तो कुछ को दो किस्त भी दिया गया. पर इनसे इन लोगों का घर नहीं बन सका. नया पक्का घर बनने की आश में ये लोग अपने पुराने घरों को भी तोड़ दिया. अब कोई पॉलीथिन के नीचे जीवन यापन करने को मजबूर हैं तो कोई बोरी लटका कर. आंकड़ा के अनुसार चयनित 4139 लाभुकों में से 1611 लाभुकों को आवास योजना के तीनों किस्तों का भुगतान हुआ है. 2518 ऐसे परिवार है जिन्हे एक या दो किस्त दिया गया है. ये परिवार अपना पुराना घर तोड़कर नया घर बनाना शुरू किया लेकिन दूसरे तिसरी किस्त के आस में कार्यालय का चक्कर लगा कर थक चुके हैं . प्रभात खबर ने मंगलवार को शहर के ऐसे परिवारों के बीच जाकर उनका हाल जाना.

घर को कपड़े व बोरा से ढक कर ठंड से बचने की कर रहे जद्दोजहदनगर निगम का पुराना वार्ड 9 के जितू का परिवार है. सुबह में करीब एक बजे उनके घर पर जब पहुंचे तो इनकी स्थिति देख विभाग की लापरवाही सामने आयी. जाड़े के मौसम में किसी तरह घर को कपड़े व बोरा से ढंक कर जीवन यापन कर रहे हैं. जीतू बताते हैं कि 35 की उम्र पार कर चुका हूं. अब नहीं लगता है कि पक्का मकान में रहने का सपना पूरा होगा. ठंड से पूरा शरीर कांप रहा था. अलाव का इंतजाम भी नहीं था. जिन्हें वित्तीय वर्ष 2016-17 में चौथे फेज में आवास योजना लिए चयन किया गया था, लेकिन प्रथम किस्त के तौर पर 50 हजार रुपए मिलने के बाद यह अपना घर तोड़कर पक्का मकान बनाना शुरू किया था. 5 सालों से यह कार्यालय का चक्कर लगा रही है.

ठंढ़ से बचाव का नहीं हैं इंतजाम :

नगर निगम का पुराना वार्ड नंबर 14 अब वार्ड नंबर 28 के 35 वर्षीय रेखा का परिवार है. घर पर चदरा चढ़ाये हुए थे. वह भी सही से नहीं. हवा का झोंका सीधे सीधे घर में आने में कोई रोक नहीं था. उपर से टप टप कर गिरते ओस की बूंदें देख लग रहा था कि जाड़ा की यह मौसम इन पर किस कदर सितम ढा रहा है. बताते हैं कि कहने मात्र को ही घर है. ठंड से बचने का कोई इंतजाम नहीं है. दुकानदारी से रोज कुट, कागज मांग कर लाते हैं. इसे दिन भर बचा कर रखते है कि रात में किसी प्रकार अलाव जलाकर रात काटें. जब रात में ठंड बरदाश्त नहीं होता है तो पूरा परिवार उठकर कूट जलाते हैं, जब कुछ राहत मिल जाती है तो सोने की कोशिश करते हैं. पांच साल पूर्व सिर्फ एक किस्त की राशि मिली है .

सूद पर पैसा लेकर घर बनाया :

निगम का नया वार्ड नंबर 23 में रहने वाले 60 वर्षीय गंगिया देवी ने कहा कि अपने परिवारों के साथ एक टूटी हुई झोपड़ी में जीवन यापन कर रहा था. कड़ाके की ठंड व तेज हवा से हाल बेहाल हो रहा था. उनलोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का एक किस्त पांच वर्ष पूर्व मिला. घर बनाना शुरू किया, लेकिन दूसरी एवं किस्त अभी तक नहीं मिला है. महाजन से ब्याज पर पैसा उधार लेकर घर तो पूरा किया, लेकिन ब्याज चुकाते चुकाते थक चुका हूं. लेकिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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