अगले 48 से 72 घंटों तक कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना मधुबनी . बुधवार की सुबह हुई फुहारों के बाद लोगों को दिनभर उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा. हालांकि दिन में आसमान में बादल एवं सूर्य के बीच आंख मिचौली का खेल जारी रहा. आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाए बादल एवं पूरबा हवा भी गर्मी से राहत नहीं दिला सकी. ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र डॉ. राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय पूसा एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से जारी 10 से 14 सितंबर 2025 तक मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले 48-72 घंटों में उत्तर बिहार के जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है. साथ ही कहीं-कहीं गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना है. इस अवधि में अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. न्यूनतम तापमान 27-28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है. विदित हो कि पिछले दो तीन माह से जिले में अपेक्षित बारिश नहीं हुई है. इसकी वजह से किसान निराश हैं. बुधवार को हुई फुहारों से कोई राहत नहीं मिली. वहीं मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान में अगले दो-तीन दिनों में मध्यम वर्षा होने का संकेत दिया है. बुधवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 27. डिग्री सेल्सियस रहा. सापेक्ष आद्रता सुबह में 80-58 प्रतिशत एवं दोपहर में 60-65 प्रतिशत दर्ज किया गया. इस बीच 13.5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछिया हवा चलने की संभावना है. बारिश के हैं आसार ग्रामीण कृषि मौसम सेवा पूसा के नोडल पदाधिकारी डॉ. ए सत्तार के अनुसार 10 -14 सितंबर तक मौसम पूर्वानुमान के तहत पूर्वानुमानित अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में मध्यम वर्षा होने की संभावना जताई है. स्थानीय स्तर पर कही-कही हल्की वर्षा हो सकती है. मौसम में बदलाव से लोग हो रहे बीमार कभी हल्की बारिश और उसके बाद उमस भरी गर्मी के कारण लोग तेजी से बीमार हो रहे है. बदलते मौसम में थोड़ी सी भी चुक लोगों को परेशान कर रहा है. सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विनय कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में वायरल बुखार सर्वाधिक परेशानी का सबब बना हुआ है. वायरल बुखार की चपेट में आने से कम से कम तीन दिनों तक मरीज को परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि इस समय लोगों के बीमार होने पर बुखार के अलावा कमजोरी, सर दर्द आदि की सर्वाधिक शिकायतें होती हैं. खासकर अभी लोग बीमार पड़ने पर काफी कमजोर हो जाते हैं. बारिश के बाद क्यों होती है उमस बारिश गर्मी से तो राहत देती है. लेकिन इसके साथ ही उमस की शुरुआत हो जाती है. पूरा शरीर चिपचिपा हो जाता है. उमस का मतलब है हवा में जलवाष्प यानी पानी के महीन कणों की मौजूदगी. यह भले ही दिखती नहीं है, लेकिन इसका सीधा सा असर शरीर के बाहरी और अंदरूनी, दोनों हिस्सों पर होता है. जब हवा में नमी की मात्रा अधिक होती है तो स्किन अधिक चिपचिपी होने लगती है. तेज धूप और बढ़ते तापमान के बाद जब बारिश होती है तो राहत जरूर महसूस होती है. लेकिन इसके बाद होने वाली उमस, पसीना और स्किन में चिपचिपापन परेशान करता है. यही वजह है कि बारिश के बाद जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है उसके साथ उमस भी बढ़ती है. पसीना ज्यादा आता है. थकान ज्यादा महसूस होती है. गर्मी एवं बरसात के दिनों में यह तेजी से होता है. इसलिए उमस का असर साफ महसूस होता है.
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