आमलोग, बच्चे, मरीज जाम में फंसकर हो रहे बेहाल मधुबनी. जिला मुख्यालय में इन दिनों ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई हुई है. शहर के काली मंदिर परिसर और सूड़ी स्कूल में इंद्र पूजा का मेला लगा है. इस कारण सुबह 10 बजे से रात को एक बजे तक जिला मुख्यालय के हर सड़क पर गांव देहात से आने वाले दर्शनार्थियों का हुजूम लगा रहता है. स्टेशन से शंकर चौक पर ई- रिक्शा एवं मोटरसाइकिल का इतना दवाब है कि वाहन रेंगने पर मजबूर हो जाते हैं. पैदल यात्रियों को भी सड़क पर चलने में परेशानी होती है. इसी प्रकार शंकर चौक से सूड़ी स्कूल होकर थाना मोड़ जाने वाली सड़क पर हमेशा जाम लगा रहता है. जाम से जहां आम शहरवासी परेशान हैं वहीं स्कूल आने जाने बाले बच्चों के वाहन भी जाम में फंसे रहने पर को मजबूर रहते हैं. यही हाल एम्बुलेंस का है. एम्बुलेंस का हूटर बजता रहता है पर उसे रास्ता नहीं मिलता. सेवानिवृत्त बैंक कर्मी सुनील चंद्र मिश्र ने बताया कि 11 बजे दिन से रात 12 बजे तक शहर में निकलना मुश्किल हो गया है. जाम का मुख्य कारण ई-रिक्शा चालकों को देते हैं. उन्होंने कहा कि ई- रिक्शा चालक पैसेंजर को उतारकर जहां तहां बेतरतीब ढंग से ई-रिक्शा को घुमा देता है. ट्रैफिक पुलिस की भारी कमी भी जाम का मुख्य वजह है. व्यवसायी दुखमोचन यादव ने बताया कि शाम पांच के बाद तो गंगा सागर चौक से मालगोदाम रोड तक वाहनों के पार्किंग से आने जाने वाले लोग एवं बसों के परिचालन में भी बहुत दिक्कत हो रहा है. सामान्य दिनों में ट्रैफिक पुलिस के 28 जवान की जिस पोस्ट पर तैनाती की जाती है अभी उससे कम संख्या में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती है. यातायात निरीक्षक नीलमणि ने बताया कि अभी शहर में 22 ट्रैफिक के जवान ट्रैफिक व्यवस्था में लगे हैं. उन्होंने कहा कि काली मंदिर मुख्य प्रवेश द्वार के सड़क पर एक एएसआई सहित चार ट्रैफिक के जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई है. ट्रैफिक के जवान सुचारू रूप ट्रैफिक का परिचालन हो इसमें लगे रहते हैं. भीड़ भाड़ अधिक होने के कारण समस्या हो जाती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

