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Madhubani News : कुहासा के कारण साढ़े सात घंटे विलंब से पहुंची स्वतंत्रता सेनानी

मौसम के बदले मिजाज से शुक्रवार को अभी तक का सबसे अधिक ठंड का दिन रहा.

मधुबनी. मौसम के बदले मिजाज से शुक्रवार को अभी तक का सबसे अधिक ठंड का दिन रहा. गुरुवार की रात से शुरू कुहासा लगने का सिलसिला शुक्रवार को दिनभर जारी रहा. आलम यह रहा कि शुक्रवार को सूर्य की किरणें नदारद रही. सुबह में कुहासा व पछिया हवा के कारण लोग घरों में दुबके रहे. लोग अलाव जलाकर ठंड से बचाव की जुगत में जुटे रहे. मौसम पूर्वानुमान के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान 15.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जो सामान्य से 7.1 डिग्री सेल्सियस कम है. वहीं न्यूनतम तापमान 11.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 0.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है. मौसम विभाग के नोडल पदाधिकारी डॉ. ए सत्तार ने कहा कि 22 दिसंबर के आसपास पूरवा हवा चलने का अनुमान है. दिन चढ़ने के साथ लोग धूप का इंतजार करते रहे. लेकिन सूर्य देव दिन भर नदारद रहे. कुहासा के कारण सबसे अधिक समस्या रेल यात्रियों को हो रही है. कुहासा के कारण गुरुवार को नई दिल्ली जयनगर स्वतंत्रता सेनानी सुपर तय समय 7:30 घंटे विलंब होकर सुबह 4 बजे पहुंची. वहीं, अमृतसर जयनगर शहीद एक्सप्रेस तय समय से 4:30 विलंब होकर सुबह 3 बजे पहुंची. रेलवे से मिली जानकारी अनुसार शुक्रवार को नई दिल्ली जयनगर स्वतंत्रता सेनानी सुपर फास्ट एक्सप्रेस तय समय से 10 घंटे विलंब से चलने की सूचना है. ट्रेनों के विलंब परिचालन होने के कारण यात्रियों को अपने गंतव्य जाने के लिए शारीरिक, मानसिक व आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है. यात्रियों की बढ़ी परेशानी कुहासा एवं पछिया हवा के कारण इन दिनों यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्वतंत्रता सेनानी सुपर फास्ट एक्सप्रेस के यात्री आलोक कुमार सिंह सहित अन्य यात्रियों ने बताया कि ट्रेनों के विलंब परिचालन से स्टेशन से घर जाने के लिए ऑटो व अन्य चालकों द्वारा भी मनमाना किराया लिया जा रहा है. ट्रेन के विलंब परिचालन के कारण सबसे अधिक परेशानी बूजूर्गों तथा बच्चों को हो रही है. कंपकपाती ठंड में बुजुर्ग, बीमार व बच्चों का रखें विशेष ख्याल कुहासा एवं पछिया हवा के कारण बढ़ी कनकनी को देखते हुए चिकित्सकों ने लोगों कों अपने शरीर के प्रति अधिक सजग रहने की सलाह दी है. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डीएस सिंह ने कहा कि ठंड में सांस और हृदय रोगियों की कठिनाई बढ़ने लगती है. ठंड के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने, हाइपोथर्मिया, नसों व जोड़ों का दर्द भी बढ़ने लगता है. इसलिए सबसे पहले ठंड से बचने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है. इसके अलावे सर्दियों में राइनो वायरस की सक्रियता बढ़ जाती है. इससे खांसी, जुकाम के साथ फेफड़ों में इंफेक्शन और सांस की नली में सूजन से सांस फूलने (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज-सीओपीडी) की समस्या बढ़ जाती है. कोल्ड डायरिया के लक्षण दिखने पर बरतें सावधानी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ विवेकानंद पाल ने कहा कि गर्मी के साथ साथ ठंड में भी बच्चों में डायरिया होता है. जिसे कोल्ड डायरिया कहते हैं. यह अधिकांश पांच साल से कम उम्र के बच्चों में होता है. इसलिए ठंड के दिनों में बच्चों को बचा कर रखना चाहिए. डाॅ. पाल ने कहा कि कोल्ड डायरिया होने पर सावधानी बरतने की आवश्यकता है. बच्चों में कोल्ड डायरिया का लक्षण दिखने पर तुरंत अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क कर उचित सलाह लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि थोड़ी सी लापरवाही बच्चों के लिए घातक साबित हो सकता है.

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