मधुबनी. भाई – बहन के प्रेम का पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि गुरुवार को भाई दूज या यम द्वितीया के रूप में मनाया जाएगा. यह पर्व भाई-बहन के प्रेम द स्नेह का प्रतीक है. इसमें बहन अपने भाइयों की लंबी उम्र द समृद्धि के लिए प्रार्थना करतीं हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं. इस बार मिथिला क्षेत्रीय पंचांग अनुसार 22 अक्टूबर बुधवार को द्वितीया तिथि संध्या 06 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी और 23 अक्टूबर यानी अगले दिन रात 08 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगी. पं. पंकज झा शास्त्री ने कहा कि भातृद्वितिया का पर्व यमराज और यमुना की कथा से जुड़ा है. यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन कराया और टीका लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना की. इसके बाद यम ने उन्हें यह वरदान दिया कि हर साल इस दिन भाई अपनी बहन के घर आकर भोजन करेंगे और बहन उनका टीका करेंगी. इस दिन से ही इस पर्व की शुरुआत हुई. इस बार भाई दूज पर ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन रवि योग और सर्वार्थसिद्धि योग दोनों बन रहा है. यह एक उत्तम और शुभ योग है, जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है. इन शुभ योगों के कारण इस दिन बहनों द्वारा भाई की लंबी उम्र की कामना करना और भी फलदायी होता है. इस बार बहन द्वारा भाई को न्योत एवं टीका करने के लिए शुभ मुहूर्त गुरुवार को प्रातः 06:24 से दिन के 02:49 तक सबसे उत्तम है. भातृद्वितिया पर्व के लिए बुधवार को लोगों ने जमकर मिठाई की खरीदारी की.
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