परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के लगाये गये स्टॉल मधुबनी . मिशन परिवार विकास की राह आसान करने तथा जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए जिला वासियों को जागरूक करने के लिए गुरुवार को सदर अस्पताल परिसर में परिवार नियोजन मेले का आयोजन किया गया. उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने किया. मेले में परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों से संबंधित सामग्री कंडोम, कॉपर-टी, अंतरा, माला डी सहित अन्य साधनों के स्टाल लगाए गए. लाभार्थियों के बीच उचित परामर्श देकर वितरित किया गया. इसके साथ ही महिलाओं को एमपीए सब- कुटेनियस इंजेक्शन सेवा की भी जानकारी दी गई. इस संबंध में सिविल सर्जन ने बताया कि यह गर्भ निरोधक का आधुनिक एवं सुरक्षित और दीर्घकालिक अस्थाई साधन है. महिलाएं इसे आसानी से प्राप्त कर सकतीं हैं. यह इंजेक्शन 3 महीने तक गर्भधारण रोकने में सक्षम है एवं पूरी तरह से सुरक्षित है. एमपीए – सब कुटेनियस इंजेक्शन एक आधुनिक गर्भ निरोधक है. इसे मांसपेशियों और त्वचा के बीच लगाया जाता है. इसमें दवा पहले से लोड होती है, इसे देना आसान होता है. यह इंजेक्शन 3 महीने तक गर्भधारण की रोकथाम करता है. शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता. इसके लिए महज तीन माह पर सिर्फ एक डोज की जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि जिले की महिलाएं अब गर्भ निरोधक के लिए भरोसेमंद और सुलभ विकल्प चुन सकेगी. तीन साल का अंतराल रहने से जच्चा और बच्चा रहता है स्वस्थ मिशन परिवार विकास अभियान 1 से 20 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है. परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत जिले के एक बच्चे वाले दंपत्ति की काउंसिलिंग की जा रही है. उन्हें दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रखने की सलाह दी जा रही है. दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रहने से जच्चा और बच्चा, दोनों स्वस्थ रहता है. बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. भविष्य में होने वाली किसी भी तरह की बीमारी से वह लड़ने में सक्षम होता है. साथ ही नव विवाहिताओं को पहले बच्चे की योजना 20 साल के बाद ही करने की सलाह दी जा रही है. परिवार नियोजन की जागरूकता के साथ सामग्री का वितरण जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने बताया परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत जिले के सरकारी अस्पतालों में आयोजित मेला के स्टालों पर लोगों को परिवार नियोजन से संबंधित अस्थाई सामग्री दी गई. कंडोम, कॉपर-टी और अंतरा का वितरण किया गया. लोगों को परिवार नियोजन में इसका इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया गया. उन्हें समझाया गया कि इससे किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. इसलिए परिवार नियोजन को लेकर निःसंकोच इसका इस्तेमाल करें. पखवाड़ा के दौरान वैकल्पिक उपायों की भी जानकारी दी गई. ताकि अगर कोई महिला परिवार नियोजन ऑपरेशन को अपनाने के लिए इच्छुक है किन्तु, उनका शरीर ऑपरेशन के लिए सक्षम नहीं है तो ऐसी महिला को वैकल्पिक व्यवस्था में शामिल कंडोम, कापर- टी, छाया, अंतरा समेत अन्य उपायों को अपनाने की सलाह दी गई. अवसर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, पिरामल के धीरज सिंह, सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.
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