मधुबनी. जिले में मानक के अनुरूप संचालित नहीं होने वाले वैध-अवैध अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी, एक्स- रे और नर्सिंग होम संचालकों पर जिला एवं अस्पताल प्रशासन की ओर से शिकंजा कसा जा रहा है, ताकि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण जांच एवं बेहतर इलाज हो सके. इसी क्रम में सीएस डॉ. हरेंद्र कुमार ने पिछले दिनों प्रखंड स्तरीय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की अध्यक्षता में दो सदस्यीय जांच टीम गठित की थी. गठित जांच टीम ने सिविल सर्जन को विभिन्न प्रखंडों से 100 से अधिक अवैध निजी संस्थानों की सूची उपलब्ध कराई है. जांच प्रतिवेदन के आलोक में सिविल सर्जन ने दो संस्थानों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है. संबंधित संस्थान के संचालकों से दंड की राशि जिला प्राधिकार के नाम से जमा करने व एक सप्ताह में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. इस संबंध में सिविल सर्जन ने कहा कि सभी प्रखंडों में जांच टीम गठित किया गया. गुणवत्तापूर्ण एवं पारदर्शी रूप से जांच के लिए सभी टीम को अपने प्रखंड क्षेत्र से दूसरे प्रखंड में जांच की जिम्मेदारी दी गई है. सीएस ने कहा कि बिना निबंधन एवं मानक के अनुरूप संचालित नही होने वाले संस्थानों के संचालकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. विदित हो कि डीएम सह जिला समुचित प्राधिकार द्वारा पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के लिए जिला एवं प्रखंड स्तरीय सलाहकार समिति का भी गठन किया है. डीएम ने जिला एवं प्रखंड स्तर पर किया टीम का गठन डीएम आनंद शर्मा ने जिला स्तरीय पदाधिकारियों एवं सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अवैध नर्सिंग होम एवं अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच अभियान चलाते रहें. साथ ही दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्ध त्वरित करवाई करें. उन्होंने कहा कि पंजीकृत नर्सिंग होम एवं अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच कर यह सुनिश्चित करें कि वे विभागीय दिशा निर्देश एवं मानकों का पालन करते हैं व नहीं. डीएम ने जिला में पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी, नर्सिंग होम एवं नर्सिंग क्लीनिक की जांच के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर 10 सदस्यीय जिला सलाहकार समिति का गठन किया है. जिला स्तरीय टीम मे 4 वरीय उपसमाहर्ता सहित 6 चिकित्सकों को शामिल किया गया है है. प्रखंड स्तरीय टीम में सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी, बीडीओ, सीओ, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं सभी थानाध्यक्ष को शामिल किया गया है. एसीएमओ डॉ. एसएन झा ने कहा कि अल्ट्रासाउंड निबंध के लिए संबंधित चिकित्सक को अपना सभी प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा. इसके बाद अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच की जाएगी. जांच करने के बाद जांच प्रतिवेदन जिला सलाहकार समिति के पास भेजा जाएगा. जिले में 310 सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य संस्थान है निबंधित जिले में सरकारी एवं निजी निबंधित स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या 310 है. इसमें सरकारी अस्पताल, पैथ लैब, अल्ट्रासाउंड एवं एक्स रे केंद्रों की संख्या 111 है. जबकि निजी नर्सिंग होम 69, प्रयोगशाला 48, एक्स-रे 19, एकल प्रैक्टिशनर 43, अल्ट्रासाउंड 79 एवं एक मेडिकल कॉलेज निबंधित है. इसके अलावे जिला मुख्यालय सहित प्रखंडों में सैकड़ों की संख्या में अवैध नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड पैथ लैब का संचालन किया जा रहा है. सीएस ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित टीम समय-समय पर इन अवैध संस्थानों पर छापेमारी कर रही है.
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