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डीडीसी ने चयनित 242 निविदा दाताओं के लिए जारी किया गाइडलाइन

डीडीसी दीपेश कुमार ने मनरेगा के तहत सामग्री के लिए चयनित 242 निविदा दाताओं की सूची प्रकाशित कर गाइडलाइन जारी किया है.

मधुबनी . ग्रामीण विकास निगम बिहार के आयुक्त (मनरेगा) के निर्देश पर जिले में मनरेगा के तहत सामग्रियों की अधिप्राप्ति के लिए अल्पकालिक निविदा प्रकाशित की गई थी. इस अल्पकालिक निविदा के आलोक में प्राप्त निविदाओं का डीडीसी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा तकनीकी एवं वित्तीय रूप से सक्षम 242 सामग्री आपूर्तिकर्ताओं को चयनित करने की अनुशंसा डीएम सह जिला कार्यक्रम समन्वयक अरविंद कुमार वर्मा ने की थी. डीडीसी दीपेश कुमार ने मनरेगा के तहत सामग्री के लिए चयनित 242 निविदा दाताओं की सूची प्रकाशित कर गाइडलाइन जारी किया है. निविदा दाताओं को दिए गाइडलाइन में कहा गया है कि सामग्रियों की आपूर्ति भवन निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग के निर्धारित दर के अनुसार करें. किसी भी सामग्री के लिए न्यूनतम दर का आकलन करने के लिए सामग्री की दर, एप्लीकेबल टैक्स एवं गंतव्य प्रखंड, पंचायत स्थल पर ढुलाई पर होने वाली व्यय की योग के आधार पर होगा. किसी भी परिस्थिति में भवन निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग के निर्धारित दर एवं वृक्षारोपण और पौधशालाओं के मामले में निर्धारित दर से अधिक नहीं देने का निर्देश दिया है. वृक्षारोपण के लिए पौधे एवं सामग्री की आपूर्ति प्राथमिकता के आधार पर दीदी की नर्सरी एवं वन विभाग करेगी. अगर दीदी की नर्सरी व वन विभाग पौधा देने में सक्षम नहीं हो तो इस आशय का प्रमाण पत्र लेने के बाद ही अनुमंडल में चयनित वेंडरो से पौधे की प्राथमिकता के आधार पर लेंगे. अनुमंडल स्तर के चयनित भेंडर के सक्षम नहीं होने की स्थिति में जिला के किसी भी चयनित वेंडर से वृक्षारोपण के लिए पौधे की आपूर्ति ली जा सकती है. आदेश निर्गत की तिथि के बाद किसी अन्य (जीविका को छोड़कर) वेंडर से सामग्री की आपूर्ति नहीं ली जाए. अगर ऐसा किया जाता है तो कार्यक्रम पदाधिकारी इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेवार होंगे और पूरी राशि की वसूली कार्यक्रम पदाधिकारी से की जा सकती है. चयनित वेंडर जीविका को छोड़कर से सामग्री की आपूर्ति दी जा चुकी है. सभी सामग्री आपूर्तिकर्ता वेंडर जीएसटी अधिनियम के प्रावधान के अनुसार अनुपालन करेंगे. जीएसटी ऑन टीडीएस स्रोत पर कटौती की गई राशि को ससमय जीएसटी विभाग को जमा करते हुए रिटर्न फाइल ससमय देंगे. ताकि जीएसटी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं हो.

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