मधुबनी . जिले में तीन दिनों तक डॉक्टरों का ओपीडी कार्य बहिष्कार व दो दिनों के अवकाश के बाद मंगलवार को ओपीडी का संचालन पूर्व की तरह शुरू हुआ. जिसके कारण अस्पताल में मरीजों की काफी भीड़ रही. मंगलवार को ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर 745 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें सबसे अधिक सर्दी, खांसी, बुखार, पेट दर्द, डायबिटीज एवं बीपी के मरीज शामिल थे. विदित हो कि दिन में तापमान 35-36 डिग्री सेल्सियस रहने के बाद भी रात एवं सुबह में हल्की ठंड का एहसास हो रहा है. ऐसे मौसम में नवजात, शिशुओं, बच्चों एवं बुजुर्गों को देखभाल की अधिक जरूरत होती है. इस मौसम में नवजात शिशु अपने शरीर का तापमान सही ढंग से नियंत्रित नहीं कर पाता हैं. ऐसे में उसके शरीर को सर्दी एवं गर्मी प्रभावित कर सकता है. मौसम कोई भी रहे, जरूरी यह है कि सोते समय शिशु के शरीर का तापमान नहीं बढ़ने दें. वर्तमान समय में दिन में तेज धूप और रात को पड़ रही गुलाबी ठंड लोगों की सेहत पर बुरा असर डाल रहा है. जिसके कारण सदर अस्पताल में सर्दी खांसी, बुखार, पेट दर्द, कमर, घुटनों एवं एवं कुल्हे के दर्द के मरीजों की संख्या बढ रहा है. डॉ. आरके पाठक ने कहा कि बदल रहे मौसम में लापरवाही बरतने वाले ज्यादातर लोग बीमार पड़ रहे हैं. हालांकि सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों को हो रही है. बदलते मौसम में बच्चों एवं बुजुर्गों का उचित देखभाल नहीं होने से वे खांसी व जुकाम की चपेट में आ जाते हैं. इसीलिए बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. 745 मरीजों का किया गया पंजीकरण जिले में गर्मी की आहट शुरू हो गई है. दिन के समय में मौसम शुष्क रहता है. सुबह और रात को हल्के ठंड का एहसास होता है. ऐसे में बदलते मौसम में सर्दी खांसी और बुखार के मरीज के संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. मंगलवार को सदर अस्पताल के ओपीडी में 745 मरीज का रजिस्ट्रेशन किया गया. जिसमें हड्डी रोग से संबंधित 145 मरीजों का इलाज हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बिक्रम सिंह रैगर ने किया गया. मेडिसिन ओपीडी में डॉ. राज कुमार पाठक ने 225, गायनिक ओपीडी में डॉ. रागिनी ने 155, चाइल्ड ओपीडी में डॉ. संदीप गुप्ता ने 65 एवं आई ओपीडी में डॉक्टर आशिक रेजा ने 60 मरीजों का इलाज किया गया. इसके अलावा डेंटल ओपीडी में डॉ. महारानी कुमारी ने 40 मरीजों का इलाज किया. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप गुप्ता ने कहा कि बदलते मौसम में नवजात के स्वस्थ्य शरीर निर्माण के लिए उचित देखभाल बेहद जरूरी है. इसे सुनिश्चित करने में सबसे बड़ा योगदान नवजात की मां का होता है. इसमें थोड़ी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन जाता है. हल्के ठंड में बच्चे एवं बुजुर्गों पर अधिक ध्यान देना जरूरी डॉ. राज कुमार पाठक ने कहा कि दिन के समय थोड़ी गर्मी रहती है तो रात में मौसम ठंडा हो जाता है. ऐसे में खानपान और रहन-सहन में जरा सी लापरवाही लोगों को बीमार कर सकता है. इन दिनों सर्दी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द आंखों में जलन, पेट दर्द जैसी बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. इन दिनों जिले के विभिन्न अस्पतालों में आने वाले अधिकांश मरीज खांसी जुकाम और बुखार से पीड़ित होते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

