झंझारपुर. घोघरडीहा प्रखंड स्वराज्य विकास संघ जगतपुर सभा भवन में भारत के दो महान पुरुषों की जयंती मनायी गयी. जिसमें संस्था के संस्थापक तपेश्वर सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री को भुलाया नहीं जा सकता. “सत्याग्रह ” और “अहिंसा ” को जीवन का आधार मानते थे. गांधीजी के विचारों ने न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में लोगों को प्रेरित किया. दूसरी तरफ लाल बहादुर शास्त्री जी की बात करें तो वो सादगी, त्याग और दृढ़ संकल्प की मिसाल कायम करने वाले एक प्रेरणादायक हैं. महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन ने उनके किशोर मन को झकझोर दिया. उन्होंने काशी विद्यापीठ में भी दाखिला लिया, जो ब्रिटिश शासन के विरुद्ध स्थापित राष्ट्रीय संस्था थी. उन्होंने दर्शनशास्त्र और नीतिशास्त्र में प्रथम श्रेणी से स्नातक किया और ””””””””शास्त्री”””””””” उपाधि प्राप्त की. स्वतंत्रता संग्राम में लाल बहादुर शास्त्री की भूमिका अडिग रही. उन्होंने भारतीय रेलवे को नई दिशा दी. उनके कार्यकाल में 1965 का मद्रास एंटी-हिंदी आंदोलन भी एक बड़ी चुनौती था. कार्यक्रम में संस्था के मंत्री बासुदेव मंडल, सादूकुला अंसारी, शैलेंद्र कुमार कर्ण, विमल कुमार सिंह, चंदेश्वर यादव, उमेश कुमार, मो. इस्लाम, मो. उस्मान सीता देवी, राम सुंदर मंडल आदि उपस्थित थे.
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