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मिथिला नवजीवन हास्पिटल से सीएस ने पूछा स्पष्टीकरण, कार्रवाई की तैयारी

अस्पताल में मानक के अनुरूप इलाज नहीं करने की सूचना पर सीएस ने दो सदस्यीय जांच टीम का गठन करते हुए जांच दल को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया.

मधुबनी . मुख्यालय स्थित 13 नंबर गुमटी के समीप संचालित मिथिला नवजीवन हास्पिटल प्रा.लिमिटेड के निदेशक मनीष रंजन से सिविल सर्जन डा. नरेश कुमार भीमसारिया ने स्पष्टीकरण पूछा है. अस्पताल में मानक के अनुरूप इलाज नहीं करने की सूचना पर सीएस ने दो सदस्यीय जांच टीम का गठन करते हुए जांच दल को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. एसीएमओ की अध्यक्षता में गठित टीम द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट में खुलासा किया गया है, कि पैथोलॉजी में जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के उपरांत पूर्व में मरीज द्वारा एचसीवी से संबंधित नेगेटिव रिपोर्ट भी उपलब्ध कराया गया होगा. इसके बाद अस्पताल के स्तर से पुनः जांच करते हुए कंफर्म होने के उपरांत ही एचसीवी पाज़िटिव के रुप में उसे स्वीकार करना चाहिए था. पैथोलॉजी अस्पताल परिसर में अस्पताल द्वारा ही संचालित था. इस स्थिति में इसका पूर्णता दायित्व अस्पताल का है. आशा रविवार को आयी थी जन्म प्रमाण पत्र लेने जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में इनके द्वारा पैथोलॉजी लैब हटा दिया गया है. जांच रिपोर्ट में खुलासा किया गया है, कि आशा कार्यकर्ता संतोषी कुमारी का रविवार के दिन जन्म प्रमाण पत्र के लिए उपस्थित होने का बयान दिग्भ्रमित करने का प्रयास है. सर्वविदित है कि रविवार को कार्यालय से संबंधित कार्य अस्पताल मे नही होता है. जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है, कि अस्पताल के ओपीडी के प्राप्ति रसीद पर डॉक्टर पल्लवी कुमारी स्त्री एवं प्रसूति का नाम अंकित है. लेकिन अस्पताल द्वारा इस चिकित्सक से संबंधित कोई भी कागजात उपलब्ध नहीं कराया गया. इसके साथ ही अस्पताल के बोर्ड पर भी उक्त चिकित्सक का नाम अंकित नहीं पाया गया, जो संदेहात्मक प्रतीत होता है. जांच दल ने मिथिला नवजीवन हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड के विरुद्ध नियम संगत कार्रवाई करने की अनुसंशा किया है. ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर नहीं दिया जवाब जांच दल ने अपने जांच रिपोर्ट में कहा है कि मरीज के आपरेशन करने वाले डॉक्टर गौरव कुमार से जब आपरेशन के समय उपस्थित एनेस्थेटिक के बारे में पूछा गया तो उनके द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई. इसके बारे में जानकारी नहीं देना संदेहास्पद प्रतीत होता होता है. इतना ही नहीं संस्थान द्वारा मरीज से इलाज के लिए गए 14 हजार 500 रुपए भी लौटा दिया गया था. संस्थान द्वारा मरीज के इलाज से संबंधित ओटी नोटशीट, बीएसटी एवं अन्य कागजात भी उपलब्ध नहीं कराया गय क्या है मामला 30 जून को काको निवासी एचसीवी पाज़िटिव 21 वर्षीय पुनम देवी का सिजेरियन मिथिला नवजीवन हास्पिटल में किया गया था. सिजेरियन मामले में गलत रिपोर्ट पेश किये जाने संबंधी मामलों की जांच की मांग बाबूबरही निवासी समाजसेवी मनोज कुमार झा ने मामले की जांच की मांग स्वास्थ्य विभाग से किया. सीएस ने एसीएमओ की अध्यक्षता में गठित दो सदस्यीय टीम द्वारा मामले की जांच कराई. जांच में कई मामलों का खुलासा किया गया है. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसरिया ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार मिथिला नवजीवन हॉस्पिटल से स्पष्टीकरण की मांग की गई है. स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी.

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Prabhat Khabar News Desk
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