मधुबनी.
जिले के 9 आयुष्मान आरोग्य मंदिर को राज्य स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाण-पत्र मिला है. यह राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत प्रमाणित किया गया है. इसमें एचडब्ल्यूसी अंधराठाढ़ी के गनौली को 76 प्रतिशत, लखनौर के दीप को 74 प्रतिशत, लखनौर के मझौरा नारायणपुर को 74 प्रतिशत, लौकही के अंधरामठ 75 प्रतिशत, बिस्फी के घाटभटरा को 85 प्रतिशत, कलुआही के भलनी को 82 प्रतिशत, खजौली के कसमामरार को 82 प्रतिशत, रहिका के जगतपुर को 87 प्रतिशत तथा राजनगर के मधुबनी टोल को 85 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ है. इसके बाद अब राष्ट्रीय प्रमाणीकरण को लेकर विभागीय तैयारी शुरू कर दी गयी है. 70 प्रतिशत से ऊपर स्कोर मिलने पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर को नेशनल सर्टिफिकेट मिलने के बाद प्रतिवर्ष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 1.26 लाख रुपये की राशि दी जाएगी. इस राशि का व्यय एचडब्ल्यूसी के उन्नयन में किया जाएगा.लोगों तक पहुंचेगा बेहतर स्वास्थ्य सेवा
जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यक्रम प्रबंधक पंकज कुमार मिश्रा ने कहा कि सुदूर ग्रामीण इलाके के लोगों को घर के पास हीं उच्च गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकताओं में शामिल है. जिले में आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है. जिले के 9 आयुष्मान आरोग्य मंदिर को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत राज्यस्तरीय प्रमाणीकरण किया गया है. स्वास्थ्य सेवा को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा जिला को 661 एएनएम दिया गया है. इसके साथ ही जिला में एएनएम की संख्या 1000 हो गयी.
विशेषज्ञों की टीम करती है मूल्यांकन
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए विशेषज्ञों की टीम द्वारा आयुष्मान आरोग्य मंदिर की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर मूल्यांकन किया जाता है. इसमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं. प्रमाणीकरण के लिए कम से कम 70 प्रतिशत अंक अनिवार्य होता है. इन सभी मानकों पर खरा उतरने वाले आयुष्मान आरोग्य मंदिर को ही गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किया जाता हैं.
मानक के अनुरूप ढालना एनक्यूएएस का उद्देश्य
डीसीक्यूए रवि चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक स्तर पर सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप ढालना है. इसके तहत स्वास्थ्य केंद्रों के लिए पूर्व निर्धारित मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है. इन मानकों में साफ-सफाई, मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, उपकरणों की स्थिति, उपचार की प्रक्रिया और रोगियों की संतुष्टि शामिल हैं. ताकि नागरिकों को उच्चतम स्तर की चिकित्सा सेवाएं मिल सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

