लखनौर, मधुबनीः पंजाब के जालंधर में समाधि ले चुके लखनौर निवासी महेश झा उर्फ आशुतोष महाराज के पार्थिव शरीर को गांव लाकर परिवार को सौंपने की मांग तेज हो गयी है. इसे लेकर ग्रामीणों व परिवार के लोगों ने शुक्रवार को अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है. अनशन में बड़ी तादाद में आशुतोष महाराज के कथित अनुयायी भी शामिल हैं. अनशन महराज के पैतृक आवास पर हो रहा है.
महराज का शरीर को गांव लाने की मांग अब आंदोलन का रूप अख्तियार करने लगी है. अनशन के समर्थन में पूरे गांव के लोग जुट गये हैं. अनशनकारियों की मांग है,जीवित अवस्था में या तो आशुतोष जी महाराज का दर्शन कराया जाय, या उन्हें मृत घोषित किये जाने पर पार्थिव शरीर सौंप दिया जाये, ताकि उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया जा सके.
महेश झा उर्फ आशुतोष महाराज के चचेरे भाई पंडित गोपाल गोविंद झा ने बताया, महराज से 1971 में पहली बार दिल्ली में उनकी मुलाकात हुई थी. मुलाकात योगी रामनाथ शास्त्री मंदिर में हुई थी. वह बताते हैं, महेश झा ही आशुतोष महाराज हैं. उनका कहना है कि वह अपनी जीविका के लिए विदेशी पर्यटकों को संस्कृत का अंग्रेजी में अनुवाद कर उन्हें जानकारी देते थे. इसी क्रम में सत्यपाल महराज के निकटतम सहयोगी के रूप में रहे. वह कहते हैं कि आशुतोष महाराज के छोटे भाई डॉ भवेंद्र झा जो लाल बहादुर शास्त्री विद्यापीठ के उप कुलपति हैं, के साथ उनका लगातार संपर्क रहा है.
आशुतोष महाराज की पत्नी आनंदी सहित पूरा परिवार मर्माहत है. अनशन स्थल पर प्रो संजीव झा, जिला बीस सूत्री सदस्य बाल कृष्ण झा, इंद्र नारायण मिश्र, विनोद कुमार सिंह, बौअन झा, गोपाल गोविंद झा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण हैं. ये लोग आशुतोष महाराज का शरीर वापस मांग रहे हैं. इनके समर्थन में ग्रामीणों की मांगों का सिलसिला जारी है.
ग्रामीणों का कहना है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई, तो उनका बेमियादी अनशन जारी रहेगा. आशुतोष महाराज को मिथिलांचल का सपूत बताते हुए ग्रामीणों ने उनको हर हाल में गांव लाने की मांग की है. ब्राह्मण महासभा ने आशुतोष महाराज उर्फ महेश झा का पार्थिव शरीर उनके पुत्र को सौंपने की मांग की है.
महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ई. आशुतोष कुमार झा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पहल करने की मांग की है. श्री झा ने कहा कि बिहार सरकार ने इशरत जहां को बिहार की बेटी मानकर आवाज बुलंद कर राजनीति की. इतने बड़े संत की कोई सुधि न लेना बिहारी अस्मिता का अपमान है. जिला संयोजक प्रफुल्ल चंद्र झा ने पार्थिव शरीर उनके पुत्र को नहीं दिये जाने पर पूरे बिहार में आंदोलन करने का एलान किया है. विधान पार्षद विनोद कुमार सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री को फैक्स भेजा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर भी गंभीर प्रयास कर आशुतोष महाराज का पार्थिव शरीर जिला के लखनौर गांव में उनके परिजन को सौंपा जाय.