मधुबनीः अब खाना के अभाव में गरीबों की जान नहीं जायेगी़ कोई भी परिवार अब कभी भूखे पेट नहीं सोयेगा़. जिले के लाखों गरीब परिवार को अब दो रुपये की दर से गेहूं एवं तीन रुपये प्रति किलो की दर से चावल मिलेगा जिससे वे अपने परिवार को आसानी से भरण पोषण कर सकेंग़े. दरअसल जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू हो चुका है़ इससे जिले के लाखों गरीब परिवार के हर सदस्य को प्रति माह दो किलो गेहूं एवं तीन किलो चावल दिया जायेगा़.
इस योजना के तहत चिह्न्ति परिवार के हर सदस्य को यह लाभ मिलेगा़ यदि किसी चिह्न्ति परिवार में पांच सदस्य हैं तो उस परिवार को इस योजना के तहत 10 किलो ग्राम गेहूं एवं 30 किलो ग्राम चावल दिया जायेगा. हालांकि इस योजना के तहत जिले के कितने परिवार शामिल हैं.
इसका वास्तविक आंकड़ा अब तक विभाग को प्राप्त नहीं हो सका है़ लेकिन विभाग पात्रता रखने वाले परिवार की पूरी आंकड़ा एकत्रित करने में जुटा हुआ है़ उम्मीद जतायी जा रही है कि एक सप्ताह के अंदर आंकड़ा पूरा कर लिया जायेगा.
डीएम ने दिखायी हरी झंडी
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का उद्घाटन जिला पदाधिकारी लोकेश कुमार सिंह ने शनिवार को हरी झंडी दिखाकर किया़ राजनगर प्रखंड क्षेत्र के सतघारा पंचायत स्थित प्रखंड मुख्यालय में जिला पदाधिकारी ने इस योजना को झंडी दिखा कर शुरुआत की. इस दौरान उपस्थित लोगों कोसंबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून गरीब परिवार के लिये है़.
इसे पारदर्शिता तरीके से लोगों तक पहुंचाना ना सिर्फ जिला प्रशासन एवं विभागीय अधिकारी एवं जन वितरण प्रणाली के विक्रेता की जिम्मेदारी है. बल्कि यह एक मानवता सेवा का भी काम होगा़ गरीबों के लिये चलायी जाने वाली योजनाओं में भ्रष्टाचार करने वाले ना सिर्फ प्रशासन के नजर में दोषी हैं. बल्कि यह ऊपर वाले के निगाह में भी गुनाह और माफ ना करने वाली अपराध होगी़.
इस लिये ऐसे जनकल्याणकारी योजनाओं में ईमानदारी एवं पारदर्शिता तरीके से काम करना चाहिय़े श्री सिंह ने कहा कि इस योजना के तहत गरीबों को समय से खाद्यान्न उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अब गोदाम से जनवितरण प्रणाली के दुकान तक विभाग ही वाहन से खाद्यान्न पहुंचायेगा़ साथ ही खाद्यान्न लाने वाले हर वाहन जीटीएस प्रणाली से युक्त होगा़. इससे खाद्यान्न की कालाबाजारी को भी रोका जायेगा़. खाद्यान्न उठाने वाले वाहन पर अब कंप्यूटर सिस्टम के जरिये जिला मुख्यालय एवं निगरानी की नजर रहेगी.