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अंधेरे में डूबे जिले के कई गांव

मधुबनी/बेनीपट्टीः कई गांव अंधेरे में डूब गया है. गांव पर 40 प्रतिशत से अधिक बकाया होने की हालत में पूरे गांव की बिजली काट दी जा रही है. यानी बकाया वसूली की विफलता की गाज पूरे गांव पर गिर रही है. एक ओर सरकार हर गांव के विद्युतीकरण करने का दावा कर रही है. वहीं […]

मधुबनी/बेनीपट्टीः कई गांव अंधेरे में डूब गया है. गांव पर 40 प्रतिशत से अधिक बकाया होने की हालत में पूरे गांव की बिजली काट दी जा रही है. यानी बकाया वसूली की विफलता की गाज पूरे गांव पर गिर रही है. एक ओर सरकार हर गांव के विद्युतीकरण करने का दावा कर रही है. वहीं लचर व्यवस्था का ठिकरा आम लोगों पर फोड़ रही है. दरअसल बिजली छोटे उपभोक्ता पर बकाया होने की हालत में विद्युत विच्छेद करने के अलावे प्राथमिकी दर्ज करने सहित वसूली के अन्य प्रक्रिया अपनानी है.

वहीं बड़े बकायेदार यानी लाखों बकाया रखने वाले का केवल लाइन काट कर कार्रवाई की खानापूरी कर रही है. विभाग की यह पुरानी कार्यशैली है. रहिका, मधुबनी नगर, झंझारपुर, फुलपरास, झंझारपुर, बेनीपट्टी सहित तमाम इलाकों में मोटी राशि बकाये रखने वाले से वसूली की बजाय शेटिंग का खेल किया जा रहा है. इस तरह बहुत बड़ी रकम की वसूली नहीं हो पायी है. पिछले दिन मधुबनी में एक सिनेमा हाल रहिका के एक बड़े व्यवसायी व मधुबनी शहर के कई ऐसे बड़े बकायेदार के यहां छापेमारी की खानापूरी की गयी. इधर राजस्व वसूली की गाज पूरे गांव पर गिरायी जा रही है. कार्य पालक अभियंता अखिलेश कुमार ने बताया कि अब जिस गांव में बिल बकाया है उस गांव का विद्युत आपूर्ति ट्रांसफॉर्मर से ही काट दिया जायेगा. इसी आलोक में भच्छी गांव के दक्षिणवारी टोल का विद्युत काट दिया गया.

वहीं राजनगर प्रखंड के चपाही गांव का विद्युत भी काट दिया गया है. इस अभियान में लगे जेइ पंकज कुमार चौधरी व सुशील कुमार ने बताया कि इन गांव के उपभोक्ता को कई बार नोटिस दिया गया लेकिन ग्रामीण उपभोक्ता इस पर ध्यान दिये बिना ऊपर से झंझट पर उतर आया. वहीं इजरा गांव का लाइन भी राजस्व के कारण काट दिया गया है. इस बाबत इजरा गांव के मुखिया समीम अहमद का कहना है कि विद्युत विभाग के कर्मी मनमानी कर रहे है. बिना पूर्व सूचना दिये गांव का लाइन काट दिया है. पूर्व मुखिया महफिजुल रहमान का कहना था कि गांव में 70 फीसदी लोग अपना बिल जमा करते हैं फिर भी विभाग द्वारा लाइन काट दी गयी है.

वहीं भच्छी गांव के मनीष कुमार ठाकुर ने बताया कि इस गांव का लाइन काटना सर्वथा गलत है क्योंकि पूरे गांव में सिर्फ 15 उपभोक्ता ऐसे है जिन पर बकाया है. इन उपभोक्ता को विभाग द्वारा गलत बिल दिया गया है ये सभी उपभोक्ता अपना बिल सुधार का आवेदन विभाग को दे चुके हैं.

वहीं इजरा गांव के ग्रामीण मो. अकिल हुसैन, मो. जफर इमाम, जियाउर रहमान मुंशी, मास्टर परवेज, मो. जुवैद ने बताया कि हम लोग नियमित अपना बिल जमा करते हैं. फिर भी लाइन काट दी गयी. मुखिया शमीम अहमद ने बताया कि चोरी रोकने में विफल विभाग आम जनों का जीना मुहाल कर दिया है. इस तरह, 10 गांवों का ट्रांसफॉर्मर बंद कर दिया गया है. जहां के ग्रामीणों में विभाग के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है.

बेनीपट्टी प्रतिनिधि के अनुसार, विद्युत विभाग ने अनुमंडल के बेनीपट्टी, मधवापुर व बिस्फी प्रखंड के कई गांवों के सैकड़ों लोगों का बिजली लाइन बिल बकाया रहने के कारण काट दिया है. अनुमंडल के सहायक विद्युत अभियंता सुधांशु कुमार ने बताया कि बिस्फी के जफरा के 70, दुलहा के 170, पौआरी के 98, बेनीपट्टी प्रखंड के करही के 70, अतरौली के 80 एवं मधवापुर प्रखंड के बैरवा के 728 व पहिपुरा के 27 उपभोक्ताओं का लाइन काट दी गयी है. उन्होंने बताया उक्त गांवों के उपभोक्ताओं पर क्रमश: 7 लाख 4 हजार, 17 लाख 13 हजार 170, 435433,1314240, 1359466, 860924 एवं 444830 रुपये विद्युत विभाग का बकाया है. विद्युत एसडीओ ने बताया कि करीब 200 गांवों को टारगेट बनाया गया है. इसमें बिल बकाया होने पर कनेक्शन विच्छेद कर दिया जायेगा. बिस्फी प्रखंड के नाहस गांव के लोगों द्वारा बकाया राशि जमा कर देने के बाद उनका विद्युत कनेक्शन जोड़ दिये जाने की जानकारी उन्होंने दी. इधर, बकाया रखने वाले उपभोक्ताओं में विभाग की इस कार्रवाई से हड़कंप है.

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