मधुबनी.
कंगारू मदर केयर अल्प वजन के नवजातों की मृत्यु को रोकने का सबसे कारगर तरीका है. कंगारू मदर केयर से स्किन टू स्किन कांटेक्ट के साथ सिर्फ स्तनपान अल्प वजन के नवजातों के लिए संजीवनी का काम करता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, कंगारू मदर केयर अल्प वजन ने के नवजात की मृत्यु रोकने में 40 प्रतिशत तक कारगर साबित होता है.दो किलोग्राम से कम वजन के बच्चों के लिए आवश्यक
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेकानंद पाल ने कहा कि 2 किलोग्राम से कम वजन के नवजातों को कमजोर नवजात की श्रेणी में रखा जाता है. इसे सघन देखभाल की जरूरत होती है. कमजोर नवजातों के उचित देखभाल के लिए जिले में ‘कमजोर नवजात देखभाल’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत आशा एवं एएनएम चिन्हित कमजोर नवजातों को उनके घर पर ही विशेष देखभाल प्रदान करती है. कमजोर नवजातों के उचित देखभाल की कड़ी में ‘कंगारू मदर केयर’ काफी असरदार प्रक्रिया है. सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में केएमसी वार्ड संचालित है. जहां अल्प वजनी नवजात को कंगारू मदर केयर की सुविधा दी जाती है.
नियमित स्तनपान एवं स्किन टू स्किन कांटेक्ट से करें शिशुओं का ठंड से सुरक्षा
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुणाल आंनद ने कहा कि नवजात एवं शिशुओं को बचाने में नियमित स्तनपान एवं स्किन टू स्किन कांटेक्ट की अहम भूमिका अहम होती है. शारीरिक संपर्क से नवजात के शरीर में जरूरी ऊष्मा की पूर्ति होती है. जिससे नवजात मौसम में हो रहे बदलावों से सुरक्षित रहता है. नियमित स्तनपान से शिशुओं को सभी पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है, और वह स्वस्थ रहता है.
इसलिए जरूरी है कंगारू मदर केयर
जन्म के समय 2 किलोग्राम या उससे कम वजन वाले नवजात शिशुओं को निरंतर रूप से कंगारू मदर केयर प्रदान किया जाना चाहिए. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल में ही प्रतिवर्ष सबसे अधिक अपरिपक्व जन्म 37 सप्ताह से पूर्व शिशु जन्म वाले 10 देशों की सूची जारी की है. इसमें भारत 35.19 लाख संख्या के साथ सूची में सबसे ऊपर है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि सभी जन्मों में से 10 से 15 प्रतिशत जन्म अपरिपक्व होते हैं. अपरिपक्व या समय से पूर्व जन्मे बच्चों में जटिलताओं से बचाव के लिए कंगारू मदर केयर बेहद कारगर साबित हो सकता है.केएमसी के फयदे
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