मधुबनीः ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य मनरेगा योजना कार्यान्वयन को लेकर जिलावार मूल्यांकन कर रैंकिंग की है. इसमें मधुबनी जिला पिछले रैंकिंग के मुकाबले चार पायदान ऊपर चढ़कर पहली बार राज्य के टॉप टेन की सूची में अपना जगह बनाया है. इसमें मधुबनी को नौंवा स्थान मिला है. उत्तर बिहार से इस टॉप टून सूची में मधुबनी के अलावे मुजफ्फरपुर ने चौथा स्थान पाया है.
वहीं किशनगंज शीर्ष स्थान पर बरकरार है तथा नवादा को दूसरा, पूर्णिया तीसरा, सीवान पांचवा, बांका छठा, नालंदा सातवां, जमुई आठवां व शिवहर को दसवां स्थान प्राप्त हुआ. वहीं रैकिंग में दरभंगा सबसे निचले पायदान पर है. विभाग ने रैंकिग के लिये कुल 13 आधार निर्धारित किया था. जिसमें प्रत्येक आधार के लिये अंक निर्धारित था. इसमें भौतिक प्रबंधक के तहत मानव दिवस उपलब्धि व कार्य पूर्णता को आधार माना गया. वहीं कमजोर वर्ग की भागीदारी के तहत मानव दिवस सृजन में महिलाओं व अनुसूचित जाति की भागीदारी के आधार पर माना गया. इसके लिये 15 अंक निर्धारित थे.
वहीं मास्टर रौल प्रबंधन के लिये 20 अंक निर्धारित था. इसके तहत भरे गये ई मास्टर रॉल की संख्या मापी के साथ अपलोड किये गये मास्टर रॉल, वेज लिस्ट में भरे हुए मास्टर रॉल को आधार माना गया. वहीं वित्तीय प्रबंधन के लिये कुल 10 अंक थे. इसमें समय पर भुगतान तथा बैंक के माध्यम से ही मजदूरी के भुगतान को आधार बनाया गया था. वहीं आधारभूत संरचना के लिये पांच अंक निर्धारित था.
इसमें भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र को आधार बनाया गया. वहीं पारदर्शिता के लिये 25 अंक थे. इसके तहत पूर्ण कार्यो का फोटो अपलोड, सामाजिक अंकेक्षण व मनरेगा दिवस को आधार बनाया गया था. इन छह संवर्गो के 13 आधार के तहत किशनगंज ने 100 में 50.34 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पाया. जबकि नवादा को 49.05, पूर्णिया को 48.42, मुजफ्फरपुर को 47.62, सीवान को 47.56, बांका को 47.04, नालंदा को 40.05, जमुई को 45.83, मधुबनी को 44.92 तथा शिवहर को 44.85 अंक मिले. वहीं दरभंगा 23.11 अंक के साथ रैंकिंग में सबसे नीचले पायदान पर रहा.