बेनीपट्टी. अनुमंडल के सभी प्रखंड क्षेत्रों से गुजरने वाली अधवारा समूह की प्रमुख सहायक नदी धौंस सहित अन्य नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. लोगों ने बेनीपट्टी में बुधवार को भी धौंस नदी के करीब एक फुट जलस्तर बढ़ने की बात बतायी. कई स्थानों से पानी मैदानी इलाकों की ओर पानी फैल चुका है. करहारा गांव के ग्रामीण विनोद यादव, राम सेवक यादव, नवल किशोर यादव, शिव कुमार साफी, दुःखी यादव, किशोरी यादव व रामाशीष यादव सहित अन्य ने बताया कि करहारा स्थित सीताराम यादव के गाछी के पास बांध में रिसाव होने लगा था. जिसे स्थानीय लोगों के प्रयास से मरम्मत किया गया है. इसके बावजूद भी उक्त जगह पर पानी का दबाव बना हुआ था. इसकी सूचना एसडीएम को दी गई तो अनुमंडल प्रशासन के निर्देश पर उक्त जगह पर बुधवार को फिर से मरम्मत करायी गयी. ग्रामीणों ने बताया कि जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण धौंस नदी के तटबंधों पर पानी का दवाब अब भी बना हुआ है और बांध टूटने पर करहारा, सोहरौल, बिरदीपुर, समदा आदि गांवों में तबाही मच सकती है. लगातार जलस्तर बढ़ने से नदियों के किनारे पर बसे दर्जनों गांव के लोगों के दिल की धड़कन भी बढ़ गई है. सोमवार को मधवापुर प्रखंड के पिहवारा में बांध टूट गया और मैदानी इलाकों में पानी फैलने लगा. हालांकि तटबंध टूटने की सूचना पर एसडीएम शारंग पानी पांडेय ने खुद पिहवारा गांव पहुंचकर मधवापुर बीडीओ व सीओ की मौजूदगी में क्षतिग्रस्त तटबंध की मरम्मत कराई. इसके बाद मंगलवार की ही देर रात में मधवापुर प्रखंड के भौगाछी के पास भी धौंस नदी का तटबंध तकरीबन 15 से 20 फीट की दूरी में टूट गया है और गांव में पानी फैलने लगा है. जिसकी सूचना मिलने पर मधवापुर के राजस्व कर्मचारी संजीत कुमार क्षतिग्रस्त तटबंध का जायजा लेने बुधवार की सुबह पहुंचे और स्थिति की जानकारी सीओ को दी. जिसके बाद फिलहाल अंचल प्रशासन द्वारा तटबंध की मरम्मत कराने की तैयारी की जा रही थी. कमोबेश यही स्थिति बेनीपट्टी प्रखंड स्थित होकर बहने वाली थूम्हानी और बछराजा नदी की भी है. एक ओर जहां थूम्हानी नदी का जलस्तर बढ़ने से मल्हामोर के पश्चिम दिशा में पानी ओवर फ्लो होकर मैदानी इलाकों में फैला हुआ है. वहीं दूसरी तरफ बछराजा नदी भी विभिन्न जगहों पर ओवर फ्लो हो गई है. बछराजा नदी का पानी तेजी से बघार की ओर फैलने लगा है. भौगाछी के राम बाबू महतो, राम सेवक महतो, उमेश महतो समेत कई लोगों ने कहा कि विगत वर्षों में भी इलाके के लोगों को बाढ़ की विभीषिका का सामना करते रहना पड़ा है और जान माल की भी क्षति झेलनी पड़ी है.
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