कम से कम एक डिब्बा पानी के लिए भी भटक रहे लोग
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गर्मी में पानी के लिए मारामारी
कम से कम एक डिब्बा पानी के लिए भी भटक रहे लोग रेलयात्रियों को स्टेशन पर नहीं मिल रहा जल यात्रियों को बाजार से खरीद कर लेते हैं पानी मधुबनी : जल संकट शहर से लेकर गांव कस्बों तक बरकरार है. लोगों को अब तक राहत नहीं मिल रही. लोग चापाकल के बंद हो जाने […]
रेलयात्रियों को स्टेशन पर नहीं मिल रहा जल
यात्रियों को बाजार से खरीद कर लेते हैं पानी
मधुबनी : जल संकट शहर से लेकर गांव कस्बों तक बरकरार है. लोगों को अब तक राहत नहीं मिल रही. लोग चापाकल के बंद हो जाने के बाद पानी के लिये पूरी तरह से सरकारी व्यवस्था पर हैं. ग्रामीण इलाके में शहर से पानी की आपूर्ति की जा रही है. पर इस पानी के लिये भी मारामारी हो रही है. तो दूसरी ओर मॉडल स्टेशन का दर्जा प्राप्त होने के बाद भी यात्रियों के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं है.
भीषण गर्मी में यात्रियों को ठंडा पानी के लिए स्टेशन पर तरसना प रहा है. स्टेशन पर यात्रियों के लिए रेलवे द्वारा प्लेटफार्म नंबर 1, 2 व 3 पर कहने को तो लगभग 40 नल लगाया गया है, लेकिन इन दिनों तपती धूप में सप्लाई का पानी यूं खौल रहा है जैसे किसी ने अभी उबाल कर रखा हो. लोग इससे पैर तक नहीं धो पाते. पीने की बात तो दूर है.
ऐसे में यात्रियों को बोतल बंद पानी का ही सहारा लेना पड़ रहा है. इसके अलावा स्टेशन पर यात्रियों को शीतल पेय के लिए 5 एक्वागार्ड लगाया गया है. जिसमें 2 एक्वागार्ड खराब है. वहीं तीन एक्वागार्ड जो चालू है, लेकिन यात्रियों को ठंडा पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. इतना ही नहीं विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर एक्वागार्ड से भी गरम पानी लेने की ही मजबूरी होती है.
प्लेटफाॅर्म पर बनाये गये कई प्वाइंट : स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 पर पेयजल के लिए 6 प्वाइंट बनाया गया है. प्रत्येक प्वाइंट पर 5-5 नल लगाये गये हैं. नल से पानी तो आता है, लेकिन वह भी गर्म. ऐसे ही प्लेटफार्म नंबर 2, 3 पर पेयजल के लिए 7 प्वाइंट बनाये गये प्रत्येक प्वाइंट पर 2-3 नल लगाया गया है.
भीषण गर्मी के कारण किसी भी नल का पानी गर्म होने के कारण यात्री पानी पीने से कतराते है. पानी के लिये अब ग्रामीण क्षेत्र के लोग सुबह से लाइन लग कर टैंकर का इंतजार करते रहते हैं. पंडौल प्रखंड के सरिसब पाही पंचायत के वार्ड 6 के लोगो को पानी की परेशानी बढ़ गयी है. लगभग 100 परिवार के लोगो को पीने के लिये पानी नही मिलता है. घंटी टोल के रामचंद्र साह, महिंदर साह, सिंघेश्वर साह, राम आशीष साह, बैजू साह, महादेव साह ने बताया कि इस टोल में सिर्फ दो चापाकल हैं.
जिस पर लोग पानी भरते है. रात में 8 बजे से सुबह 5 बजे तक ही उक्त चापाकल पानी देता है. अनिल साह ने बताया कि पीएचइडी विभाग के द्वारा टैंकर भेजा जाता है. लेकिन टैंकर आने का कोई समय नही रहने के कारण बस्ती के लोग सुबह से ही अपने वर्तन को को लाइन में लगा देता है. ताकि पानी का टैंकर जैसे ही आये पानी मिल जाय. बस्ती के लोगो ने बताया हम लोग कई दिनों से आसान नही किये है. इतना ही नही लोगो ने बताया कि खाना बनाने के लिये लोगो को बगल के टोल के तालाब से पानी लाना पड़ता है.
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