मधुबनी : शहर में चापाकल सूख गये हैं, तालाब में पानी नहीं है. लोग डिब्बा बंद पानी मंगाना शुरू किया पर खपत इतनी अधिक हो गयी है कि मांग के अनुसार डिब्बा बंद पानी की भी आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इससे जुड़े कारोबारी अब लोगों के मांग करने पर आपूर्ति करने से हाथ खड़ा कर रहे हैं. दरअसल जिस पैमाने पर पानी की मांग हो रही है, उस हिसाब से पानी कारोबारी के पास कूल जार ही नहीं है. दिल्ली या अन्य प्रदेश से ये लोग कूल जार मंगाते हैं. पर कूल जार बनाने वाली कंपनी इन लोगों को कूल जार की आपूर्ति ही नहीं कर पा रहा.
तीन गुना तक बढ़ गयी खपत
बीते एक से डेढ माह में डिब्बा बंद पानी की खपत करीब तीन गुणा तक अधिक हो गयी है. पानी कारोबारी अमृत नीर के संचालक संजय कुमार ने बताया कि पिछले करीब डेढ माह पहले शहर में 200 डिब्बा का खपत होता था. पर वर्तमान में यह आंकड़ा छह सौ के करीब है. अब वे नये ऑर्डर पर पानी पहुंचाने से इंकार कर रहे हैं. कहा कि पानी का इंतजाम तो है. पर जार ही नही है. जानकारी के अनुसार शहर में करीब एक दर्जन पानी कारोबारी है.
बर्तन लेकर आते हैं लोग
नये ऑर्डर देने वालों को अब संजय कुमार गोदाम पर आकर खुद ही पानी लेने का सुझाव देते हैं. इसके लिये पांच रूपये पति डिब्बा के दर से छूट भी दिया जा रहा है. हनुमान बाग कॉलोनी निबसी माधव मिश्र ने बताया कि अचानक ससुराल से कुछ लोग आ गये. घर मे पानी कम था तब यहां बात किये तो बताया गया कि अपना वर्तन लेकर आने पर ही पानी मिलेगा. क्योंकि मेरे पास कूल जार नही है. वही नोनिया टोल निवासी उमेश कुमार ने बताया कि चापाकल पानी नहीं देता है, इस वजह से बाहर से पानी खरीद कर पीते है.