मधुबनी. मिथिला चित्रकला संस्थान में 48वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल, जयनगर एवं मिथिला चित्रकला संस्थान, मधुबनी के तत्वावधान में सीमांत क्षेत्र के महिलाओं में कला के प्रति जागरूकता, रोजगार व महिला सशक्तीकरण पर 12 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. उद्घाटन समारोह में 48 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, जयनगर के कमांडेंट गोविंद सिंह भंडारी, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी सह उपनिदेशक , मिथिला चित्रकला संस्थान, नीतीश कुमार, वरीय आचार्य पद्मश्री बौआ देवी, आचार्य पद्मश्री दुलारी देवी, कनीय आचार्य पद्मश्री शिवन पासवान, डॉ रानी झा, संजय कुमार जायसवाल आदि सम्मिलित हुए. वहीं, भंडारी ने कहा कि सन् 1963 में सशस्त्र सीमा बल की स्थापना हुई है और तब से ही सशस्त्र सीमा बल भारत के सीमांत क्षेत्रों की सुरक्षा में लगा है. 2001 में सशस्त्र सीमा बल ने अपने कार्यक्षेत्र का दायरा बढ़ाया है और अब ये सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार, कला के संरक्षण संवर्धन आदि पर भी काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सीमा की सुरक्षा बहुत ही कठिन एवं जिम्मेदारी का काम है जो सीमांत क्षेत्र के लोगों के सहयोग के बिना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि सशस्त्र सीमा बल का नारा है सेवा सुरक्षा और बंधुत्व. उन्होंने संस्थान के आचार्यों पदाधिकारियों एवं कर्मियों कर आभार प्रकट कर सहभागियों को कार्यशाला के दौरान अच्छे से मिथिला चित्रकला के बारीकियों को सीखने का आग्रह किया. संस्थान के प्रभारी उपनिदेशक, वरीय आचार्य, आचार्य एवं कनीय आचार्यों ने भी गोविंद सिंह भंडारी के प्रयास की सराहना की . संस्थान के प्रभारी उपनिदेशक नीतीश कुमार ने मिथिला चित्रकला संस्थान के देश विदेश में हो रहे प्रसिद्धि से कार्यशाला में भाग लेने वाले सीमांत क्षेत्र के महिलाओं को अवगत कराया. मौके पर सहायक उप निरीक्षक संचार महेंद्र सिंह तोमर अन्य बल कार्मिक एवं जयनगर के सीमावर्ती क्षेत्र से तीस महिला प्रशिक्षु, विकास कुमार मंडल, मो. सरफराज, विकास कुमार गुप्ता शामिल हुए.
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