उदाकिशुनगंज. पवित्र रमजान-उल-मुबारक माह के तीसरे जुमे की नमाज शुक्रवार को 20वां रोजा रखकर अकीदत के साथ अदा की जायेगी. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न मस्जिदों में तय समय खुतबा होगा. इसके बाद जुमे की नमाज अदा की जायेगी. इस दौरान मस्जिदों के इमाम और आलिम माह-ए-रमजान की अहमियत, सवाब और दीनी बातों पर विशेष तकरीर पेश करेंगे. बताया जाता है कि इस्लाम धर्म में जुमे के दिन की खास फजीलत होती है. जहां जुमे के दिन विशेष नमाज अदा की जाती है, जिसके लिए मस्जिदों में पुरुषों की भीड़ होती है. हर मुसलमान जुमे की नमाज जरूर अदा करते है. खासकर पाक महीने रमजान में पड़ने वाले जुमा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. इस्लाम में जुमा यानी शुक्रवार के दिन नबी ए करीम मुहम्मद मुसत्फा सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फजीलत बयान करते हुए जिक्र किया है, मोमिन के लिए जुमे का दिन इलाही ने ईद की तरह बनाया है. इस दिन सभी मुसलमान को इज्तिमाई यानी सामूहिक तौर पर एकत्रित होकर जौहर की नमाज के वक्त जुमे की नमाज अदा करनी चाहिए. उधर, माह-ए-रमजान का 19 रोजा गुरुवार को रोजेदारों ने मुकम्मल किया. खजूर से रोजेदारों ने रोजा खोला और अल्लाह से रोजा को कुबूल करने की दुआ भी की. क्यों खास है रमजान का तीसरा जुमा इस बार रमजान के महीने में कुल चार जुमा पड़ेंगे, जिसमें दो जुमा बीत गए हैं और 21 मार्च को रमजानुल मुबारक का तीसरा जुमा है. साथ ही आज रमजान के तीसरे जुमे के दिन रोजेदार रमजान का 20वां रोजा भी रखेंगे. वहीं रमजान का तीसरा जुमा इस बार मगफिरत के अशरे में पड़ा है, जो कि रोजेदारों के लिए महत्व रखता है. इमाम मुजक्किर हसन नदवी कहते हैं कि रमजान के तीसरे जुमा के दिन मोमिनों को दुरूद शरीफ और तौबा अस्तगफार भी कर सकते हैं. इस्लाम में जुमा का खास महत्व है इस्लाम धर्म में शुक्रवार का दिन खास अहमियत रखता है. इस्लामिक शब्द में इसे जुमा कहा जाता है. जुमे के दिन को इस्लाम में छोटी ईद भी कहा जाता है. जुमे के दिन सभी मुसलमान पुरुष मस्जिद में एकत्रित होकर नमाज अदा करते हैं और कुछ जगहों पर मोमिन गले मिलकर जुमे की बधाई भी देते हैं. इस दिन सभी नहा धोकर, साफ कपड़े पहनकर, इत्र और सुरमा लगाकर नमाज अदा करने मस्जिद पहुंचते हैं. इस जहां 14 रकात नमाज पढ़ी जाती है. रमजान का अलविदा जुमा 28 मार्च को रमजान महीने में पड़ने वाले आखिरी शुक्रवार को अलविदा जुमा कहा जाता है. इसे जुमातुल विदा भी कहते है. इस माहे रमजान का चौथा या अलविदा जुमा 28 मार्च को है. अलविदा जुमा के दिन नमाज की खास फजीलत है.
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