-सावन के पहले रविवार को हजारों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक- – न्यास व जिला प्रशासन श्रावणी मेले के लिए पूरी तरह है तैयार- सिंहेश्वर देवाधिदेव महादेव के प्रिय सावन माह में बिहार के देवघर सिंहेश्वर धाम में सावन माह के पहली सोमवारी को प्रशासन ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है. इस बार डीएम के निर्देश पर भक्तों को कई सुविधा न्यास व स्थानीय संस्थाओं की सहभागिता से पूरी की जाएगी. इसमें दवाई, एंबुलेंस जैसी सुविधा सहित कई बुनियादी सुविधा मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध रहेगी, ताकि बाबा के भक्तों को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पडे. पहली सोमवारी में बड़ी भीड़ की संभावनाओं के देखते हुए पुलिस प्रशासन ने अधिक संख्या में पुलिस बल की तैनाती की है. -किसी भी दिशा से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे डाकबम- महादेवपुर घाट से जल भरकर आने वाले डाकबम के लिए प्रवेश को लकर कोई निषेधाज्ञा नहीं है. डाकबम जिस ओर से प्रवेश करना चाहें, उन्हें कोई रोक-टोक नहीं है. डाकबम के लिए न्यास के अलावे स्थानीय संस्थाओं द्वारा अलग से व्यवस्था की गयी है. डाकबम व दंड प्रणाम देने वाले बम के लिए बाबा के मुख्य द्वार से तीन द्वार बनाये गये हैं. भोले बाबा के मंदिर परिसर में भीड़ से बचने के लिए साधारण बम बैरिकेडिंग के माध्यम से दक्षिण दिशा के द्वार से निकलना होगा. कांवरियों की सुविधा के लिए न्यास भी पूरी तरह तैयार है. -कतारबद्ध हो करें अपनी बारी का इंतजार- मंदिर परिसर में किसी प्रकार की कोई घटना न हो, इसके लिए भक्तजन कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करें. बड़े बुर्जुग को प्राथमिकता दें और कोलाहल या अन्य शोर-शराबे पर ध्यान न दें. प्रशासन के सहयोग से भयमुक्त होकर बाबा का जलाभिषेक करें और प्रशासन का सहयोग करें. किसी लावारिस वस्तु पर नजर पड़े तो इसकी सूचना पास में खड़े पुलिस या न्यास के सदस्य को दें. -जलाभिषेक बाबा को है प्रिय- शास्त्रों के अनुसार भोले बाबा को श्रावण मास में जल सर्वाधिक प्रिय है और इसके साथ बिल्वपत्र व भांग हो तो वे भक्तों पर ज्यादा प्रसन्न होते हैं. कहते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान जब देवता के हिस्से में विष आया तो देवताओं ने उसे लेने से इंकार कर दिया. देवता की ओर से किसी को आगे आता नहीं देख असुर प्रसन्न हो गये. ऐसे में त्रिभुवननाथ बाबा भोले ने विष को ग्रहण किया और देवताओं की रक्षा की. इसी विष को शांत करने के लिए भक्तों द्वारा बाबा का जलाभिषेक किया जाता है. पुराणों के अनुसार बाबा का बिल्व पत्र व गंगाजल से अभिषेक करने से सारे पाप कट जाते हैं और भोले बाबा भक्तों को मनोवांछित फल देते हैं. -अंधेरे से दूर रहेगी बाबा नगरी- बाबा नगरी को रौशन करने के लिए डीएम सह सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष तरनजोत सिंह के निर्देश पर मंदिर के आस पास के क्षेत्र में एलइडी बल्ब लगाये जा रहे हैं, ताकि श्रावण व भादो के मेले में श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो. -स्थानीय लागों में उत्साह- श्रावणी मेले को लेकर का स्थानीय लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. खासकर दुकानदारों में. श्रावण में कई स्थानीय संगठन आगे आकर भक्तों की सेवा में तन-मन से लगे रहते हैं. स्थानीय युवाओं का कहना है कि उन्हें बाबा के भक्तों का सेवा करने का मौका मिलता है. इससे भी भोले बाबा प्रसन्न होते हैं. …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………… हजारों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक फोटो-मधेपुरा 57- प्रतिनिधि, सिंहेश्वर सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति एवं जिला प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था में सावन के पहले रविवार को हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा सिंहेश्वरनाथ का जलाभिषेक किया. पूरे मंदिर परिसर में तैनात पुलिस बल की व्यवस्था दुरूस्त होने के कारण श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा. हालांकि कुछ कमियां दिख रही थी. जिसके वजह से कुंआ पर बार-बार भीड़ जमा हो जा रही थी. लेकिन पर्याप्त पुलिस बल होने के कारण भीड़ को मंदिर प्रांगण में ज्यादा देर इकट्ठा नहीं होने दिया जा रहा था. रविवार की भीड़़ को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होगी. जिसके लिए न्यास प्रशासन व स्थानीय संस्था सहित जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है. इसके साथ स्थानीय युवा भी पूरी तरह से मंदिर में मुस्तैद रहेंगे. -दिन भर लगा रहा श्रद्धालुओं का आना- सावन के प्रथम रविवार होने के कारण पूरे दिन श्रद्धालु आते रहे. हालांकि सुबह नौ बजे तक श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा थी, लेकिन नौ बजे के बाद श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य रही. लेकिन इतनी कम भी नहीं थी, कि परेशानी न हो. -सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दिया दंड प्रणाम- सावन माह में दंड प्रणाम देने वाले श्रद्धालु आते हैं, लेकिन सावन का प्रथम रविवार होने के कारण सैकड़ों महिला सहित पुरुषों ने शिवगंगा में स्नानकर शिवगंगा से गर्भगृह तक दंड प्रणाम करते हुए गये और बाबा का जलाभिषेक किया. -सजी है फुलों की दुकान- सावन महीना आते ही दर्जनों फूल विक्रेता के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है कि उनका फूल का व्यवसाय अच्छा चलेगा. सावन माह में सिंहेश्वर बाबा के मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है. फूल विक्रेता विभिन्न प्रकार के फूल बेचकर अपना और अपने परिवार का पालन करते है. -कतारबद्ध होकर जाते हैं श्रद्धालु- मंदिर न्यास समिति द्वारा बनाए गए बैरिकेडिंग से ही सभी श्रद्धालु को पूजा करने की अनुमति होगी. इसमें महिला व पुरूष एवं दंड प्रणाम के लिए बीच होकर जाना होगा. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सभी श्रद्धालु प्रशासन की मदद करें, ताकि किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े. -मंदिर परिसर में बना भव्य पंडाल, शिवगंगा को सजाया आकर्षक- सिंहेश्वर बाजार में जगह-जगह लाइटिंग की व्यवस्था की गई है. मंदिर परिसर में भव्य पंडाल बनाया गया है. मंदिर व शिवगंगा को आकर्षक रूप से सजाया गया है. मंदिर परिसर सहित मंदिर रोड बायपास रोड, शिवगंगा सहित सिंहेश्वर बाजार क्षेत्र में लाइटिंग की व्यवस्था की गई. खासकर मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में रोशनी पर्याप्त रहेगी. मंदिर जाने वाली मुख्य बायपास सड़क में लाइटिंग की समुचित व्यवस्था की गई है. -सिंहेश्वर मंदिर में चोर गिरोह हैं सक्रिय- श्रद्धालु के भारी भीड़ में महिलाओं के जेवर सिंहेश्वर मंदिर में महिला श्रद्धालुओं के गहने सुरक्षित नहीं है. इस महीने में अब तक सैकड़ों महिलाओं के मंगलसूत्र व कान की बाली मंदिर में गायब हो गई है. वहीं कई मोबाइल व पर्स गायब हो गए हैं. सिंहेश्वर मंदिर में वर्षों से कटिहार जिले का एक बड़ा चोर गिरोह सक्रिय है. वह लोकल गिरोह के सहयोग से भीड़ में अमूमन सभी दिन महिलाओं का जेवर व गहने गायब कर रहा है. पुलिस प्रशासन ना तो अब तक एक भी चोर कर पकड़ सकी है और न ही कोई गहन बरामद हुआ है.
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