-प्रतिदिन 20 टन कचरा फेंक उसमें लगायी जा रही है आग- -24 घंटे उठता रहता है धुआं, गंभीर बीमारियों की बढ़ती जा रही है संभावना- मधेपुरा नगर परिषद की लापरवाही से कचरा प्रसंस्करण इकाई स्थापित नहीं हो सकी है. प्रतिदिन 20 टन कचरा सड़कों पर फेंका जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि नगर परिषद की ओर से कचरा डंपिंग जोन चांदनी चौक के पास बनाया गया है, लेकिन कचरा डंपिंग जोन अब तक पूरी तरह व्यवस्थित नहीं हो पाया है. चांदनी चौक के पास डंपिंग जोन की शहर से छह किलोमीटर की दूरी होने के कारण नगर परिषद की ओर से कचरा ढोने वाले वाहन डायवर्सन किनारे कचरा गिराकर चला आता है. साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र के पास बने डायवर्सन के किनारे खाली जगह पर कचरा गिरा दिया जाता है. कचरे के ढेर से निकलने वाली बदबू और आग से निकलने वाले धुएं से आसपास के इलाके में पर्यावरण प्रदूषण फैल रहा है. अभी दिल्ली एआइक्यू के काफी बढ़े स्तर से हांफ रहा है, फिर भी मधेपुरा उससे कुछ सबक लेता नहीं दिख रहा है. -सांस लेने में होने लगी है परेशानी- मुख्य सड़क से आवाजाही कर रहे राहगीरों व स्थानीय ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कचरे के ढेर से निकलती बदबू आवाजाही के दौरान आमलोगों को सांस लेने में भारी परेशानियों का कारण बन रहा है. माणिकपुर निवासी राहगीर इंदल कुमार यादव, बालकृष्ण कुमार उर्फ पिंटू, नरेश कुमार, विद्यानंद यादव आदि ने बताया कि घर से मधेपुरा आने और मधेपुरा से घर जाने के दौरान पर्यावरण प्रदूषण का सामना करना पड़ता है. कचरे के ढेर से निकलते बदबू से सांस संबंधित कई बीमारी होने की संभावना बढ़ती जा रही है. उन्होंने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से अविलंब कचरे के निस्तारण के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है. राहगीर सुदिष्ट कुमार, रंजीत कुमार, विपिन कुमार, विनोद कुमार मंडल, संजीत कुमार, विरेश यादव, गौतम कुमार, निशांत यादव आदि ने बताया कि कचरे के लिए निर्धारित स्थल चांदनी चौक के पास ही कचरा गिराना चाहिए. -पूरी तरह नगर परिषद की है लापरवाही- नगर परिषद की शिथिलता के कारण शहर में कचरा प्रसंस्करण इकाई स्थापित नहीं हो सकी है. शहर में प्रतिदिन करीब 20 टन कचरा प्रतिदिन जमा हो रहा है. कचरा डंपिंग जोन नहीं रहने के कारण नगर परिषद के सफाई कर्मचारी जहां-तहां कचरा फेंकने को मजबूर हैं. इससे स्थानीय लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. हालत यह है कि नदियों के किनारे भी कचरा फेंका जा रहा है. शहर के पूर्वी गुमटी नदी किनारे, नयानगर जाने वाली सड़क के पुल के पास और केवीके स्थित डायवर्सन के पास भारी कचरा फेंका जा रहा है. हर दिन करीब 20 टन कचरा फेंके जाने से आसपास के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
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