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बाइक-कार पर सख्ती, बड़े डाला वाले ट्रैक्टर पर नहीं होती है कार्रवाई

बाइक-कार पर सख्ती, बड़े डाला वाले ट्रैक्टर पर नहीं होती है कार्रवाई

नियमों की उड़ रही है धज्जियां, हर हमेशा खतरे की बनी रहती है आशंका मधेपुरा. जिले में सड़क सुरक्षा नियमों के पालन को लेकर जिला परिवहन विभाग व यातायात पुलिस लगातार वाहन जांच अभियान चला रही है. अभियान के दौरान दोपहिया व चारपहिया वाहन चालकों के कागजात, हेलमेट और सीट बेल्ट की जांच कर जुर्माना वसूला जा रहा है, लेकिन इसी बीच सड़कों पर नियमों की अनदेखी करते हुए बड़े आकार के डाला लगे ट्रैक्टर बेधड़क दौड़ते नजर आ रहे हैं, जिन पर विभागीय कार्रवाई न के बराबर दिखती है. मानक से बड़े डाले, क्षमता से अधिक लोड स्थानीय लोगों के अनुसार इन दिनों सामान्य डाले से कहीं अधिक बड़े आकार के डाले ट्रैक्टरों के पीछे लगाये गये हैं. इन बड़े डालों में क्षमता से कहीं ज्यादा ईंटों की ओवरलोडिंग की जा रही है. घोघा क्षेत्र से ईंट लादकर मिठाई इलाके होते हुए विभिन्न गंतव्य स्थलों तक इन ट्रैक्टरों का आवागमन लगातार जारी है. ओवरलोडिंग के कारण ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ा रहता है, जिससे सड़क पर चल रहे अन्य वाहनों के लिए खतरा बना रहता है. हर पल हादसे का खतरा बड़े डाला वाले ट्रैक्टरों से सबसे अधिक खतरा बाइक सवारों, साइकिल चालकों और पैदल यात्रियों को हो रहा है. कई ट्रैक्टरों में ईंटें बाहर की ओर निकली रहती हैं. साइड लेने या ओवरटेक के दौरान जरा सी चूक गंभीर हादसे का कारण बन सकती है. वहीं कुछ ट्रैक्टरों में पीछे लगी लोहे की छड़ सड़क तक घिसटती रहती है, जिससे चिंगारी निकलने के साथ सड़क क्षतिग्रस्त होने और फिसलन की आशंका भी बनी रहती है. वाहन जांच में दोहरा मापदंड लोगों का कहना है कि परिवहन विभाग व पुलिस के वाहन जांच अभियानों में अधिकतर बाइक और कार चालक ही निशाने पर रहते हैं. कागजात में थोड़ी सी कमी पर हजारों रुपये का जुर्माना लगाया जाता है और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने की हिदायत दी जाती है. लेकिन बड़े डाला वाले ट्रैक्टर, जो खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, उन पर न तो रोक-टोक होती है और न ही नियमित जांच. विभागीय उदासीनता पर सवाल स्थानीय नागरिकों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस स्थिति पर नाराजगी जतायी है. उनका कहना है कि यदि सड़क सुरक्षा नियम सभी के लिए हैं, तो उनका पालन भी सभी से समान रूप से कराया जाना चाहिए. डाले का आकार मापदंड से अधिक बढ़ाना और ओवरलोडिंग करना स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है. इसके बावजूद इन ट्रैक्टरों पर कार्रवाई न होना विभागीय उदासीनता को दर्शाता है. विशेष अभियान चलाने की मांग लोगों ने जिला प्रशासन, परिवहन विभाग व यातायात पुलिस से मांग की है कि बड़े डाला वाले ट्रैक्टरों के खिलाफ जांच अभियान चलाया जाय. डाले के आकार, लोड क्षमता और वाहन कागजात की जांच कर नियम उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाय. लोगों का कहना है कि समय रहते यदि इन पर लगाम नहीं लगाया गया, तो किसी भी दिन बड़ी अप्रिय घटना घट सकती है. समान कानून, समान कार्रवाई जरूरी सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता तभी प्रभावी होगी, जब कानून का पालन कराने में भेदभाव नहीं होगा. बाइक व कार के साथ बड़े डाला वाले ट्रैक्टरों पर भी समान रूप से कार्रवाई कर ही सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सकता है.

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