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Madhepura: पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के मूल्य की वृद्धि वापस लेने और बढ़ते अपराध को लेकर भाकपा का प्रदर्शन

Madhepura: जिले के उदाकिशुनगंज में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित अन्य जरूरी सामान की मूल्यवृद्धि वापस लेने, बढ़ते अपराध पर रोक लगाने समेत कई मांगों को लेकर भाकपा ने बुधवार को प्रदर्शन किया.

Madhepura: जिले के उदाकिशुनगंज में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित अन्य जरूरी सामान की मूल्य वृद्धि वापस लेने, बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, भूमिहीनों को बासगीत पर्चा देने, पर्चा धारियों को जमीन पर कब्जा दिलाने, समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद सुनिश्चित करने के साथ-साथ बिहारीगंज थाना कांड संख्या 86/22 की उच्चस्तरीय जांच कराने समेत कई मांगों को लेकर भाकपा कार्यकर्ताओं ने अनुमंडल कार्यालय परिसर में बुधवार को रोषपूर्ण प्रदर्शन किया.

भाकपा कार्यकर्ता झंडा और बैनर लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाकपा के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि सुशासन की सरकार में कोई सुरक्षित नहीं है. बिहार में कानून नहीं क्रिमिनल का राज है. उन्होंने कहा की भीषण महंगाई, बेरोजगारी, व्याप्त भ्रष्टाचार से आम लोग त्रस्त हैं. लेकिन, पीएम और सीएम जुमलेबाजी करने में मस्त हैं.

उन्होने कहा कि सार्वजनिक उपकर्मों को कौड़ी के दाम बदस्तूर बेचना जारी है. हालात से परेशान देश के किसान और नौजवान बड़ी संख्या में आत्महत्या को मजबूर हैं. भूमिहीन और गरीब कीड़े-मकोड़े की जिंदगी जीने को विवश है. भाकपा नेता प्रभाकर ने भूमिहीनों को बासगीत पर्चा देने, गेहूं का समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित करने एवं जोतेली निवासी मनोहर मेहता हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच कर असली हत्यारे और षड्यंत्रकारी का उद्भेदन करने की मांग की. उन्होंने कहा कि हमारी मांगे पूरी नहीं हुई, तो संघर्ष तेज होगा.

भाकपा के जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार और अफसर शाह का बोलबाला है. आम लोग समस्याओं से परेशान हैं. शासन और प्रशासन सुधि लेने को तैयार नहीं है. सारी सरकारी घोषणाएं छलावा साबित हो रही है. उन्होंने कहा कि लगातार जनप्रतिनिधियों को अपराधियों द्वारा टारगेट किया जा रहा है. खाद के लिए दुकानों पर किसानों की लाइन लगी है. वहीं, शराब की होम डिलीवरी हो रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार सभी क्षेत्रों में विफल है. समस्याओं के समाधान के लिए व्यापक जन आंदोलन एक विकल्प है.

बिहार राज्य किसान सभा के सचिव रमन कुमार ने कहा कि मोदी और नीतीश सरकार किसान मजदूर विरोधी है. यहां शासन और प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है. किसान और जवान बदहाल है. उन्होंने कहा कि दलितों पर अत्याचार नहीं सहेंगे. अंत में आंदोलनकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल नौ सूत्री मांगों का स्मारपत्र अनुमंडल पदाधिकारी को सौंपा.

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