मधेपुरा. आम लोगों के वाहन अगर सड़क पर खड़े मिलते हैं, तो ट्रैफिक पुलिस ऑनलाइन चालान काटकर गाड़ी पर टांग देती है. लेकिन अगर किसी सरकारी अधिकारी का वाहन घंटों सड़क पर खड़ा रहे, तो कोई उसे छूने की हिम्मत नहीं करता. यही हाल मुख्य बाजार का भी है, जहां सरकारी वाहनों के कारण आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. पार्किंग की सुविधा का अभाव, जाम रोज़ की समस्या मधेपुरा शहर में पार्किंग की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. सरकारी कार्यालय और व्यावसायिक प्रतिष्ठान मुख्य बाजार क्षेत्र में हैं, लेकिन यहां आने-जाने वाले लोगों के लिए अलग से पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है. लोग अपनी बाइक, स्कूटर और कार सड़क पर ही खड़ी करने को मजबूर हैं. इससे सड़क की चौड़ाई कम हो जाती है और जाम लग जाता है. अवैध अतिक्रमण ने बढ़ाई समस्या व्यापारियों ने अपनी दुकानों का सामान सड़क पर सजा रखा है. कई जगहों पर ठेले और स्टॉल लगाकर सड़क को अवरुद्ध कर दिया गया है. यह अवैध अतिक्रमण भी जाम का मुख्य कारण बन गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन सिर्फ दिखावे के लिए अभियान चलाता है. कुछ दिनों बाद सब कुछ पहले जैसा हो जाता है. स्थानीय निवासी शंकर कुमार ने बताया कि रोज़ाना जाम में फंसना हमारी मजबूरी बन गई है. बच्चों को स्कूल छोड़ने या समय पर ऑफिस पहुंचने में दिक्कत होती है. प्रशासन सिर्फ कागजी कार्रवाई करता है, लेकिन हकीकत में कोई सुधार नहीं होता. स्थानीय निवासी जितेंद्र यादव ने बताया कि पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए लोग अपने वाहन कहीं भी छोड़ देते हैं. चौक-चौराहों पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. नगर परिषद को सख्त कदम उठाकर पार्किंग स्थल बनवाने की ज़रूरत है. स्कूल खुलने और बंद होने पर भयावह स्थिति शुक्रवार को एसएनपीएम हाई स्कूल के सामने जाम लग गया. अभिभावकों की भीड़, ठेले और अवैध पार्किंग के कारण यातायात लगभग ठप हो गया. एक किलोमीटर की दूरी तय करने में आधे घंटे से ज़्यादा का समय लग गया. सुभाष चौक बना पार्किंग स्थल सुभाष चौक पर सड़क किनारे बेतरतीब खड़ी गाड़ियों ने यातायात बाधित कर दिया. कई बार बाइक सवार और कार चालक आपस में झगड़ते नज़र आए. दुकानदारों ने बताया कि यह स्थिति रोज़मर्रा की है. एसडीओ कार्यालय के पास जाम शुक्रवार को एसडीओ कार्यालय के पास सड़क पर अतिक्रमण के कारण जाम लग गया. कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों और आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कई लोग ज़रूरी काम होने के बावजूद वापस लौट गए. ट्रैफिक सिग्नल का अभाव, पुलिस नदारद शहर के किसी भी प्रमुख चौराहे पर अभी तक ट्रैफिक सिग्नल नहीं लगाए गए हैं. ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी नगण्य है. नतीजा यह है कि हर कोई मनमाने ढंग से वाहन चलाता है और जाम का कारण बनता है. जनता ने की ठोस कार्रवाई की मांग शहरवासियों ने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द पार्किंग स्थल बनवाने और दुकानों के सामने से अतिक्रमण हटाने की अपील की है. लोगों का कहना है कि अगर अब भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले दिनों में जाम की समस्या और विकराल हो जाएगी व जनजीवन पूरी तरह ठप हो जाएगा.
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