मधेपुरा.नेहरू युवा केंद्र द्वारा सदर अस्पताल में सोमवार को विश्व यक्ष्मा दिवस पर आशा के बीच जागरूकता अभियान व यक्ष्मा मरीजों को फल व पौष्टिक आहार का वितरण किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि सिविल सर्जन डाॅ मिथिलेश ठाकुर, एनसीडीओ डाॅ रंजना कुमारी, सीडीओ शशी नाथ ठाकुर, नेहरू युवा केंद्र की उपनिदेशक हुस्न जहां सौरभ कुमार ने किया. मौके पर मुख्य अतिथि सिविल सर्जन ने कहा कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो संक्रमित लोगों के खांसने, छींकने या थूकने से फैलती है. यह आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन यह शरीर के किसी भी हिस्से में फैल सकती है. किसी को दो सप्ताह से लगातार खांसी हो रही है तो उसे तुरंत टीबी का जांच करवाना चाहिये. इस बीमारी का इलाज तो है. लोगों को नियमित रूप से दवा लें व खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. एनसीडीओ ने कहा कि ””वर्ल्ड टीबी डे”” हर वर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है. इस खास दिन को मनाने के पीछे का सबसे बड़ा कारण इस बीमारी को लेकर स्वास्थ्य, सामाजिक व इससे जुड़े आर्थिक परिणामों के लेकर लोगों को जागरूक करना है. टीबी एक महामारी के रूप ले चुकी है. सीडीओ शशी नाथ ठाकुर ने बताया कि सरकार यक्ष्मा मरीजों की अब हर महीने आर्थिक मदद कर रही है. टीबी मरीजों को पांच सौ रुपये की जगह एक हजार रुपये मिल रही है. यह राशि मरीज के खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाती है. नेहरू युवा केंद्र की उपनिदेशक हुस्न जहां ने कहा कि इस वर्ष के विश्व क्षय रोग दिवस की थीम ””हां, हम टीबी को खत्म कर सकते हैं : संकल्प लें, निवेश करें और पूरा करें”” इस बात को दर्शाती है कि टीबी को खत्म करने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होकर काम करना होगा. सौरभ कुमार ने बताया कि पिछले एक दशक में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम व जागरूकता अभियानों के कारण भारत में टीबी के मामलों में बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है. मौके पर संतोष, आशीष, दुर्गेश, अंशु, संतोष राज, अभिषेक कुमार मुन्ना, बेबी, मनोरमा, संजना, अरुणा, शांति, अनीता, अंजना, विनीता आदि उपस्थित थे.
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