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डीएम को है अनुभव की कमी, महोत्सव के पैसों का हो रहा है बंदरबांट- विधायक

सिंहेश्वर न्यास समिति में सदस्यों के नाम के लिए भी पैसे का खेल हुआ है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.

सिंहेश्वर, मधेपुरा.

सिंहेश्वर महोत्सव को अब चार दिन शेष रह गया है और अबतक नामचीन कलाकारों का नाम तय नहीं हुआ है. ऐसे में जिला प्रशासन की उदासीनता को लेकर सिंहेश्वर विधानसभा के विधायक चंद्रहास चौपाल ने मोर्चा खोल दिया है. विधायक चंद्रहास चौपाल ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर जिला प्रशासन सहित डीएम पर कई आरोप लगाये.

उन्होंने कहा है कि सिंहेश्वर महोत्सव के नाम पर रुपये का बंदर बांट होता है. समय पर ध्यान नहीं दिया जाता है और जब कम समय बचता है तो आनन-फानन में कलाकारों का चयन हो जाता है और कमीशन के आधार पर कलाकारों का चयन होता है. उन्होंने सिंहेश्वर मेला के उद्घाटन में भी आमंत्रण नहीं देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मेला के उद्घाटन में उन्हें नहीं बुलाया गया. जिस दिन मेला का उद्घाटन था उस सुबह एक पत्र घर पर पहुंचाया गया. तब तक वह किसी अन्य कार्यक्रम के लिए निकल गए थे.

उन्होंने कहा कि कई बार जिलाधिकारी से उन्होंने कहा कि सिंहेश्वर मेला एवं महोत्सव को लेकर एक मीटिंग किया जाय. इसमें हर वर्ग के लोग हो लेकिन जिलाधिकारी अनसुना कर देते हैं. उन्होंने कहा है कि इस संबंध में वह विधानसभा में भी आवाज उठाएंगे और पर्यटन मंत्री से भी शिकायत दर्ज करवायेंगे. विधायक चंद्रहास चौपाल ने कहा कि अभी हाल में सिंहेश्वर मंदिर मंदिर न्यास समिति के सदस्यों का गठन होना था. जिसको लेकर 45 लोगों ने आवेदन किया. इसमें मनीष सर्राफ नामक व्यक्ति का नाम बिना अप्लाई के ही कोषाध्यक्ष के लिए भेज दिया गया. उन्होंने कहा है कि सिंहेश्वर न्यास समिति में सदस्यों के नाम के लिए भी पैसे का खेल हुआ है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में एसडीओ को उन्होंने जानकारी दिया. जिसके बाद एसडीओ ने कहा था कि इस का फिर से सूची बनाकर भेजा जाएगा. जिसमें की सभी वर्ग के लोग होंगे. कहा कि मधेपुरा में यादवों की संख्या अधिक है लेकिन यादव समाज से एक भी लोगों का नाम नहीं भेजा गया है यह भी दुखद है. उन्होंने कहा है कि जिला प्रशासन लगातार जनप्रतिनिधियों का उपेक्षा कर रहा है. किसी भी मौके पर आमंत्रण नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा है कि इस बार भी इससे पहले तो महाशिवरात्रि मेले के उद्घाटन में उन्हें नहीं बुलाया गया और अभी तक सिंहेश्वर महोत्सव को लेकर भी उन्हें आमंत्रण नहीं मिला. जबकि पहले कार्ड बनता था जो सभी को भेजा जाता था. उन्होंने कहा कि सरकार में नहीं रहने के कारण लगातार उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. जानकारी हो क्या आगामी छह से आठ मार्च तक सिंहेश्वर महोत्सव को लेकर तिथि तय किया गया. लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा अब तक नामी कलाकारों का सूची जारी नहीं किया जा सका है और ना ही स्थानीय कलाकारों को इस संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी दी गयी. कहा कि यह मधेपुरा का दुर्भाग्य है कि डीएम को पहली पोस्टिंग मधेपुरा किया जाता है. उन्होंने कहा पिछले तीन सालों से मेले के आयोजन में अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की भूमिका को नजरअंदाज किया जाता है. जिलाधिकारी अनुभवहीन हैं और उनकी सलाह को नजर अंदाज कर रहे हैं. उनके चारों तरफ बिचौलिया का राज है. उन्होंने कहा कि मेले के आयोजन को लेकर अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए एक बैठक होनी चाहिए. ताकि महाशिवरात्रि मेला और महोत्सव को आकर्षक बनाया जा सके. मौके पर प्रखंड अध्यक्ष किशोर कुमार पप्पू, डॉ राय जवाहर, मुकेश कुमार, राकेश कुमार सिंह, दिनेश कुमार सिंह, अजय कुमार यादव, सज्जन कुमार यादव, महेंद्र मंडल आदि मौजूद थे.

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