चौसा.
कन्या मध्य विद्यालय चौसा समेत विभिन्न विद्यालयों में मंगलवार को एक से 19 वर्ष के छात्राओं को एल्बेंडाजोल की दवा खिलायी गयी. मॉप-अप राउंड (छूटे हुए बच्चे) अब 19 अगस्त को आयोजित किया जायेगा, ताकि कोई बच्चा छूट न सके. कन्या मध्य विद्यालय चौसा में 0कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाध्यापक विजय पासवान ने किया. जिन्होंने विद्यार्थियों को एल्बेंडाजोल की दवा दी. बाल संसद के शिक्षक संयोजक संजय कुमार सुमन ने कहा कि पेट में कीड़े होने से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं एवं उनमें खून की कमी हो जाती है, इससे बच्चे कमजोर होने लगते हैं. दवा खिलाने से बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार होता है. कृमि मुक्ति से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है एवं एनीमिया पर नियंत्रण रहता है. इसके अलावा, कृमि मुक्ति से बच्चों की सीखने की क्षमता में भी सुधार होता है. अभिभावकों को चाहिये कि वे बच्चों को इस समस्या से बचाने के लिए कीड़े निकालने की दवा अवश्य खिलाएं. शिक्षक कल्पना कुमारी ने कहा कि सरकार की यह पहल सराहनीय है. अधिकतर बच्चे के अभिभावक बच्चों को समय पर कृमि की दवा नहीं दे पाते हैं, लेकिन सरकार के द्वारा स्कूल, आंगनबाड़ी व अन्य संसाधनों का उपयोग कर नि:शुल्क दवा दिये जाने से भारत देश के नौनिहाल स्वस्थ रहेंगे. इस दवा का सेवन नहीं करने से पेट में कृमि हो जाते हैं. इससे बच्चों में खून की कमी व कुपोषण का शिकार हो जाते हैं, इससे उनका संपूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास रूक जाता है. मौके पर शिक्षक बीरबल पासवान, कुमारी रानी, बलिस्टर कुमार यादव, सुशीला कुमारी, रेखा कुमारी आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

