छठ महापर्व . नप के अस्थायी सफाई कर्मियों की हड़ताल जारी
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घाटों पर कचरे का ढेर, दलदल भी
छठ महापर्व . नप के अस्थायी सफाई कर्मियों की हड़ताल जारी दीपावली बीत गयी, लेकिन नगर की सफाई व्यवस्था नहीं सुधरी. हालांकि नगर परिषद अस्थायी सफाई कर्मियों की हड़ताल के बावजूद सफाई अभियान तो मंगलवार से प्रारंभ कर दिया, लेकिन मजदूरों की कमी साफ दिख रही है़ अब सवाल यह उठता है कि क्या गंदगी […]
दीपावली बीत गयी, लेकिन नगर की सफाई व्यवस्था नहीं सुधरी. हालांकि नगर परिषद अस्थायी सफाई कर्मियों की हड़ताल के बावजूद सफाई अभियान तो मंगलवार से प्रारंभ कर दिया, लेकिन मजदूरों की कमी साफ दिख रही है़ अब सवाल यह उठता है कि क्या गंदगी में होगा समृद्धि का महापर्व छठ.
मधेपुरा : नगर परिषद द्वारा अस्थायी सफाई कर्मियों से कार्य शुरू करने की अपील का भी असर नहीं पड़ा़ छठ के दौरान दउरा और सूप की जबरदश्त बिक्री को देखते हुए छठ के बाद हड़ताल खत्म करने पर विचार बनाया है़ वहीं नप के सशक्त स्थायी समिति सदस्य तथा वार्ड पार्षद ध्यानी यादव एक बार फिर हमलावर हैं उन्होंने कहा अस्थायी सफाई कर्मी अपना हित समझे किसी के बहकावे में न आये़ उन्होंने कहा डीडीसी साहब ने भी अपने बातचीत के सफाई कर्मियों को अगाह किया है
ऐसे तत्वों से बचने के लिए़ वहीं मुख्य पार्षद डा विशाल कुमार बबलू ने भी अस्थायी सफाई कर्मियों से भावुक अपील करते हुए कहा कि उन्होंने भरसक दैनिक मजदूरी पर उन्हें बहाल रखना चाहा़ लेकिन बिहार सरकार के निर्देश के बाद अब नगर परिषद के हाथ में यह मसला नहीं रहा है़ उन्होंने कहा कि किसी के बहकावे में नहीं आये़ यह जान लें शहर सबका है, और हम मिल-जूल कर इसे स्वच्छ और सुंदर बनाये़ त्यौहार के मौके पर नगर परिषद के साथ आकर लोगों को साफ-सफाई प्रदान करे़
मुख्य पार्षद समेत वार्ड पार्षद ध्यानी यादव, मुकेश कुमार मुन्ना, मुकेश कुमार, दिनेश ऋषिदेव, दुखा महतो, रविशंकर यादव, वनिता देवी, कमला देवी, रतन देवी, राहेला कौसर समेत पार्षद प्रतिनिधि मो इसरार अहमद, सदानंद पासवान, विलास पासवान, प्रकाश कुमार ने स्थानीय सफाई कर्मियों से भी अपील की शहर उनका भी है़ शहरवासियों को दुखी और नाराज करना ठीक नही़ं वहीं शहर के दुकानदार एवं आम नागरिक भी नप के अस्थायी सफाई कर्मी द्वारा लगातार पर्व के समय इस तरह के आंदोलन से नाराज हो उठे है़ं
43.84 हजार चुकाएं मुख्य पार्षद व कार्यपालक पदाधिकारी
बिहार सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों को दैनिक मजदूरी कार्य पर लगाने से प्रतिबंधित कर दिया है.कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि बिहार सरकार के पत्र संख्या 04 नसे 01-103/87-1231नविवि समेत अन्य पत्र द्वारा शहरी स्थानीय निकायों को दैनिक मजदूरी पर कार्य पर लगाने से प्रतिबंधित किया गया है. वहीं इसी पत्रांक द्वारा साफ सफाई कार्य बाह्य श्रोत से निविदा कर कराने का निर्देश है. इतना ही नहीं वर्ष 2013 – 14 एवं 2014-15 में दैनिक मजदूरी पर हुए 43 लाख 84 हजार 184 रुपये के भुगतान को अनियमितता बताया है. नगर परिषद द्वारा दैनिक मजदूर रखने को आवश्यक बताते हुए गुहार लगायी गयी लेकिन इसे अमान्य करार दिया गया है.
सरकार ने कहा बिना सक्षम प्राधिकार के व्यय करना अनियमितता है. साफ सफाई कार्य बाहरी श्रोत से निविदा आमंत्रण कर कराया जाय. इस संबंध में बिहार सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा प्रेषित पूर्व के पत्रों का भी हवाला दिया गया है. इसके बाद नगर परिषद में हलचल है. दैनिक मजदूरों को मजदूरी पर रख कर भुगतान करने के लिए कोई तैयार नहीं है. वहीं पूर्व के राशि के लिए मुख्य पार्षद डा विशाल कुमार बबलु समेत सशक्त स्थायी समिति एवं कार्यपालक पदाधिकारी को जिम्मेवार माना गया है.
सशक्त स्थायी समिति सदस्य ने लगाये गंभीर आरोप
सशक्त स्थायी समिति के सदस्य सह वार्ड पार्षद ध्यानी यादव कहते हैं कि नगर परिषद में मुख्य पार्षद के स्तर से कार्रवाई करते हुए अस्थायी सफाई मजदूरों के लिए कई बार विभाग को रिक्ति भेज कर पद स्वीकृत करने एवं बहाल करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया. सशक्त स्थायी समिति द्वारा भी इस आशय पर चर्चा कर बिहार सरकार से अनुरोध किया गया. लेकिन बिहार सरकार ने पत्र भेज कर यह साफ कर दिया कि कोई बहाली नहीं होगी.
दैनिक मजदूरी पर भी प्रतिबंध बहुत पहले लगाया गया. लेकिन किसी तरह से इन मजदूरों का भुगतान जारी रहा. यही वजह है कि आज इस भुगतान के कारण सशक्त स्थायी समिति, मुख्य पार्षद डा विशाल कुमार बबलु तथा कार्यपालक पदाधिकारी को जिम्मेवार मानकर राशि वसूलने का निर्देश दिया गया है.
अस्थायी सफाई कर्मी की आड़ में एनजीओ से मोल-जोल
वार्ड पार्षद ध्यानी यादव ने कहा कि वर्तमान में नगर परिषद में किसी भी तरह से दैनिक मजदूरी पर बिहार सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया गया. तब जाकर आउट सोर्शिंग से सफाई कार्य शुरू कराना पड़ा. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अस्थायी सफाई कर्मचारी के आड़ में एक व्यक्ति एनजीओ से मोल जोल करने में जुटा है. उसकी फितरत है मजदूरों को आगे कर महिलाओं को आगे कर पीछे से घिनौना वार करना.
ऐसे व्यक्ति की पहचान पूरे नगर की जनता कर चुकी है. आज नहीं तो कल अस्थायी सफाई कर्मचारी भी सारी बात समझ जायेंगे कि उनका हितैशी बनने का नाटक करने वाला ही उनके सौदेबाजी में लगा है. आज भी मुख्य पार्षद समेत सशक्त स्थायी समिति चाहती है अस्थायी सफार्इ कर्मचारी के मुद्दों का निराकरण हो. लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी साफ साफ कह चुके है कि दैनिक वेतन भुगतान करना उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है और वे किसी भी वित्तीय अनियमितता में फंसने को तैयार नहीं है.
नगर परिषद क्षेत्र में घाट की बदहाल स्थिति व घाट पर फैला कचरा.
वार्ड वासी हुए मुखर
वार्ड पार्षद अपने वार्ड में फैल रहे असंतोष से परेशान है़ं नगर के सभी वार्ड के लोग कहीं-न-कहीं सफाई के विगत एक महीने से बाधित रहने की वजह से असंतुष्ट है़ं वार्ड वासी कहने लगे थे वार्ड पार्षद मुखर होकर इस समस्या का समाधान नहीं कर रहे है़ं लोगों के दबाव के बाद व छठ पूजा को लेकर वार्ड पार्षद मुकेश कुमार मुन्ना, मुकेश कुमार, ध्यानी यादव, दिनेश ऋषिदेव, दुखा महतो, रविशंकर यादव, वनिता देवी, कमला देवी, रतन देवी, राहेला कौसर समेत पार्षद प्रतिनिधि मो इसरार अहमद, सदानंद पासवान, विलास पासवान, प्रकाश कुमार ने आपस में बैठक कर तय किया कि अब भरोसे बैठना गलत होगा, वार्ड वासियों एवं नगरवासियों के सहयोग से ही सफाई अभियान प्रारंभ कराया जाय़ इस मौके पर ध्यानी यादव ने कहा वे तो अपने वार्ड में एक बार सफाई अभियान चला भी चुके है़ं
कहते हैं सफाई कर्मी
सफाई कर्मियों का कहना है कि उनलोगों ने अपनी सेवा स्थायी करण के लिए हाइकोर्ट में मामला दायर किया है. इस मामले के निबटारा तक नगर परिषद को उनलोगों से काम लेना चाहिए. इनका यह भी कहना है कि आखिरकार 15 साल से उन्हें यह क्यों नहीं बताया गया कि उनका पद स्वीकृत नहीं है़ वहीं इन मजदूरों का कहना है कि बाहर से मजदूर लाकर इनकी रोजी रोटी छीनी जा रही है. उसका भी विरोध कर रहे हैं.
कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी
कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार पवन ने कहा कि छठ घाटों की सफाई जेसीबी व अन्य साधनों से की जा रही है़ कार्यपालक ने स्पष्ट कहा दैनिक मजदूर रख कर कार्य कराना संभव नहीं है़ सरकारी पत्र व बिहार सरकार के सख्त निर्देश से वे बंधे हुए है़ं
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