मधेपुरा : नगर के सभी वार्ड के लोग कहीं-न-कहीं सफाई के बाधित होने से असंतुष्ट हैं वे मानते हैं कि उनके द्वारा चुने गये वार्ड पार्षद मुखर होकर इस समस्या का समाधान नहीं कर रहे है़ं लोगों ने कहा कि हर वार्ड पार्षद अगर पूरी जिम्मेवारी के ठान लें कि इस समस्या का समाधान हो तो मामले को निपटने देर नहीं लगेगी़ वैसे लोगों का यह भी मानना है कि एनजीओ के तहत होने वाली सफाई व्यवस्था ज्यादा जिम्मेदार और जवाबदेह होगी़ आखिरकार एनजीओ के साथ क्यों नहीं कार्य करना चाहते हैं
स्थानीय सफाई कर्मी जबकि उन्हें पूर्व में भी दैनिक मजदूरी के हिसाब से ही वेतन भुगतान किया जा रहा था़ कई वार्ड पार्षद भी यह कहते हैं कि नगर परिषद के अधीन कार्य करने के समय इन मजदूरों द्वारा जो लापरवाही तथा कामचोरी की जाती थी उस पर अंकुश लगने का डर है़ इसलिए नगर परिषद के अधीन कार्य करना चाहते हैं अगर मामला हाई कोर्ट में लंबित है तो हाई कोर्ट से फैसला लाकर दिखायें और नगर परिषद के नियमित सफाई कर्मी बने. लेकिन केवल हाई कोर्ट में मामला लंबित होने को आधार बना कर इस तरह का हड़ताल जिसमें ये मजदूर खुद भी कार्य नहीं कर रहे और बाहर से एनजीओ द्वारा लाये गये मजदूरों को कार्य करने नहीं दे रहे है़ं पूर्णत: गलत है.