महासंकट . सुबह की कटी बिजली आयी शाम को, लोगों का जीना हुआ मुहाल
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बिजली कट गिरा रही लोगों पर बिजली
महासंकट . सुबह की कटी बिजली आयी शाम को, लोगों का जीना हुआ मुहाल प्रचंड गरमी में आग उगलता सूरज. पारा 41 के पार. उमस के कारण शरीर पसीना से तर-ब-तर. ऐसे में बिजली का कट जाना. निश्चित रूप से लोगों पर बिजली गिरने वाली बात है. तुर्रा यह कि बिजली कटती है तो आने […]
प्रचंड गरमी में आग उगलता सूरज. पारा 41 के पार. उमस के कारण शरीर पसीना से तर-ब-तर. ऐसे में बिजली का कट जाना. निश्चित रूप से लोगों पर बिजली गिरने वाली बात है. तुर्रा यह कि बिजली कटती है तो आने का नाम नहीं ले रही है. घर का सारा काम बाकी. पानी की समस्या उत्पन्न. बच्चे गरमी से बेचैन हैं. बड़े पसीना से बेहाल. बुधवार को मधेपुरा के हर घर का यही हाल था. क्योंकि, सुबह 10.00 बजे की गयी बिजली शाम को 5.00 बजे जब तक आई लोगों का जीना बेहाल हो गया था.
मधेपुरा : जिले से बुधवार को 41 डिग्री की उमस भरी गरमी में बिजली कट से लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा. सुबह दस बजे से कटी बिजली शाम 5 बजे आयी, तब जाकर लोगों ने रहात की सांस ली. दिनभर बिजली की कटौती घर के इन्वर्टर तक ने जवाब दे दिया. अप्रैल के इस मौसम में इतनी गरमी से तो लोग पहले ही परेशान हैं, उसपर बिजली का नहीं होना किसी आफत से कम नहीं. जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार से लोग बिजली की सूचना पाने को बेबस दिखें हर कोई विभागीय अधिकारी से बात करने को बेकरार दिखे.
मुख्यालय स्थित पूर्णिया गोला चौक के अशोक संचेती का कहना है कि उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि जिले में लगातर सात घंटे बिजली गायब रहेगी. वहीं त्रिदीप गांगुली का कहना है कि आज उनका इन्वर्टर भी जबाब दे गया जिसके कारण घर के सारे लोग बारी-बारी से कार्यालय फोन कर रहे हैं. लेकिन वं भी कोई जबाव नहीं दिया गया. कमलेश यादव व किशोर कुमार ने कहा कि यदि अप्रैल माह के इस भीषण गरमी में बिजली का ये हाल रहा तो मई और जून के माह में तो बिजली का भगवान ही मालिक. रौशन कुमार का कहना है कि विभाग के लोग ये कह रहे हैं कि कोई बड़ा फॉल्ट हो गया
जिससे ढ़ुंढा जा रहा है ज्लद ही बिजली शहर में दे दी जाएगी. लेकिन तीन बज गये है सुबह 10 बजे गयी बिजली जो अबतक नहीं आयी. श्याम सुंदर कुमार का कहना है कि जिले में अच्छे अभियंता नहीं रहने के कारण परेशानी हो रही है. क्योंकि विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि अभियंताओं की टीम द्वारा फॉल्ट खोजी जा रही है. कैलाश कामत का कहना है कि अभी तो बिजली की चुभन है आगे देखिये होता है क्या. कहीं ये बिजली की चुभन आगे लोगों की धड़कन ना बंद कर दे.
मोहन ऋषिदेव का कहना है कि वे जिले के पास के एक गांव से आये हैं उन्हें लगता है कि शहर के बिजली व गांव के बिजली में कोई अंतर नहीं है. वहां भी कभी-कभी बिजली आती है और यहां भी. उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि शहर से अच्छा तो गांव ही है वहां कम से कम अच्छी हवा तो मिलती है. वही रामचंद्र साह का कहना है कि शहर के साथ-साथ गांव में भी सही ढ़ंग से बिजली नहीं मिल रही है. उन्होंने मजकिए लहजे में कहा कि भैया गरमी में ट्रांसफॉर्मर भी गरम हो जाता है उसे भी आराम करना चाहिए ना. वहीं बिजली विभाग के एसडीओ राहुल कुमार का कहना है कि सीएलडी से पावर जीरो हो जाने के कारण बिजली नहीं थी. पांच बजे के बाद बिजली सामान्य हो जायेगी.
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