पुलिस से नहीं बच सकेंगे साइबर अपराधी फोटो – मधेपुरा 08कैप्शन – मधेपुरा कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ करते एसपी सहित अन्य फोटो – मधेपुरा 09 कैप्शन – कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागी छात्र -छात्राएं – मधेपुरा कॉलेज में जीआइआइटी की ओर से ‘एथिकल हैकिंग’ वर्कशॉप, कहा – ‘एथिकल हैकिंग एंड इनफार्मेशन सिक्योरिटी’ विषय पर तीन दिनों तक चलेगी वर्कशॉपप्रतिनिधि, मधेपुरा मधेपुरा में साइबर क्राइम की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. इसे देखते हुए मधेपुरा की पुलिस को साइबर की बारीकियों से अवगत कराया जायेगा. अब साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले अपराधी जल्द ही पकड़े जा सकेंगे. शुक्रवार को मधेपुरा कॉलेज के प्रशाल में ‘एथिकल हैकिंग’ को लेकर आयोजित वर्कशॉप का शुभारंभ करते हुए एसपी कुमार आशीष छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे. इससे पहले ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी व सामाजिक सेवा संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया. एसपी के साथ विश्व प्रसिद्ध हैकर अर्पित माहेश्वरी, इनोबज्ज नयी दिल्ली के प्रबंधक इंजीनियर संग्रह सहगल, डा एचएलएस जौहरी, डा अशोक कुमार, डा देवाशीष बोस, जीआइआइटी के अध्यक्ष अरूण कुमार सिंह एवं सचिव अमित गौतम ने दीप प्रज्जवलित किया. कार्यक्रम में मौजूद करीब चार सौ प्रतिभागियों से मुखातिब होते हुए एसपी ने कहा कि तकनीक के साथ अपराध का स्वरूप भी काफी बदल गया है. डिजीटल होते इस विश्व में दुनिया इंटरनेट पर सिमट गयी है. अब अगर अगला विश्वयुद्ध हुआ तो यह मशीनगन और मिसाइल से कम और इंटरनेट के जरिये ज्यादा लड़ी जायेगी. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आइपीएस के प्रशिक्षण के दौरान हैकिंग को लेकर ट्रेनिंग दी गयी थी. इस वर्कशॉप के जरिये आपलोगों को यह प्रशिक्षण मधेपुरा में उपलब्ध होना गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि तकनीक एक दुधारी तलवार की तरह है. यह दुनिया बदल सकती है तो इसके दुष्परिणाम भी हैं. स्वाति नक्षत्र के बूंद की तरह मोती का सीप बन सकता है तो सांप की जिह्वा पर गिर कर जहर भी बनता है. लेकिन जानकारी ही बचाव है. आप लोग इसे सीख कर अच्छे समाज का निर्माण करें. अपराधियों का पकड़ा जाना तय है. मुख्य अतिथि टीपी कॉलेज के प्राचार्य डा एचएलएस जौहरी ने कहा कि उन्होंने टाइपराइटर से कंप्यूटर तक का सफर देखा है. अब लगता है कि दुनिया किस कदर बदल गयी है. इस युग में कंप्यूटर साक्षर होना बहुत ही आवश्यक है. उन्होंने कोसी के इलाके को पिछड़ा कहने पर एतराज करते हुए इस इलाके के विकासशील कहने का अनुरोध किया. छात्र-छात्राओं से बुलंदियों पर पहंुचने का आशीष देते हुए अनुशासन और शालीनता का दामन नहीं छोड़ने की सीख भी दी. अतिथियों का स्वागत करते हुए मधेपुरा कॉलेज के प्राचार्य डा अशोक कुमार ने कहा कि मधेपुरा की धरती पर ज्ञान बांटने आये हुए हैकिंग विशेषज्ञ अर्पित माहेश्वरी एवं इंजीनियर संग्रह सहगल का स्वागत है. लेकिन उनकी दिली इच्छा है कि यहां के बच्चे इतना सीख जायें और इस क्षेत्र में इतना आगे जायें कि किसी अर्पित माहेश्वरी को यहां नहीं आना पड़े. बल्कि यहां के बच्चे बाहर जा कर प्रशिक्षण दें. एएसपी राजेश कुमार ने कहा कि आइटी रिवाल्यूशन के दौर से गुजर रहे इस दौर में जीवन शैली भी बदल गयी है. लेकिन कुछ लोग इसका गलत फायदा भी उठा रहे हैं. साइबर लॉ भी बनाया गया है. साइबर की बारीकियों से पुलिस विभाग के अधिकतर अधिकारी अनभिज्ञ हैं. पुलिस के लिए ऐसे प्रशिक्षण अनिवार्य कर देना चाहिए. कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार डा देवाशीष बोस ने कहा कि एक तो कोसी क्षेत्र में पहले ही साक्षर की कमी है उपर से इंटरनेट के इस युग में जब हर चीज डिजीटल हो गयी है, हमें इसके बारे में जानना चाहिए. उन्होंने दुख जताया कि साइबर अपराध बढ़ रहे हैं लेकिन पुलिस अधिकारी इसके बारे में नहीं जानते. इसके कारण निर्दोष के फंसने की आशंका बनी रहती है. — किया गया सम्मानित –कार्यक्रम में उद्घाटन समारोह के बाद अतिथियों को सम्मानित किया गया. अध्यक्ष अरूण कुमार सिंह ने उद्घाटनकर्ता एसपी कुमार आशीष, प्रशिक्षक हैकर अर्पित माहेश्वरी, विशिष्ट अतिथि इंजीनियर संग्रह सहगल, डा एचएलएस जौहरी, डा अशोक कुमार, एएसपी राजेश कुमार को मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग पहना कर और अतिथियों को शॉल भी ओढ़ा कर सम्मानित किया. इस अवसर पर धर्मेंद्र भारद्वाज, रूपेश रूपक एवं संजय परमार सहित अन्य मौजूद थे.हैकर के प्रति समाज में गलत है धारणा फोटो – मधेपुरा 10 कैप्शन – वर्कशॉप में छात्र-छात्राओं को जानकारी देते अर्पित महेश्वरी – मधेपुर कॉलेज में आयोजित वर्कशॉप में एथिकल हैकर अर्पित त्यागी ने कहा मधेपुरा . ‘एथिकल हैकिंग एंड इनफार्मेशन सिक्यूरिटी’ विषय पर आधारित मधेपुरा कॉलेज में शुक्रवार को आयोजित वर्कशॉप में विश्व प्रसिद्ध सर्टिफाइड हैकर अर्पित महेश्वरी ने प्रतिभागियों को पारस्परिक संवाद के जरिये विषय की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विश्व में 75 फीसदी चीजें ऐसी हैं, जिसे भगवान ने नहीं बल्कि इंसान ने बनाया है. अत : इन चीजों में गलतियों को होना स्वाभाविक है. ऐसी ही चीज है इंटरनेट. साइबर वर्ल्ड में हर डाटा डिजीटल रूप में है. इंटरनेट पर बैंक हैं और बाजार भी हैं. हर तरह का डाटा उपलब्ध है. जिस तरह संसार में चोर, लुटेरे और डकैत होते हैं इसी तरह इस डिजीटल वर्ल्ड में भी चोर लुटेरे हैं. बीमारी से बचाव के लिए जिस प्रकार टीकाकरण किया जाता है उसी तरह अपराध से बचने के लिए सिक्यूरिटी सिस्टम की जरूरत पड़ती है. एक हैकर इस साइबर संसार की सुरक्षा का दायित्व निभाता है. चूंकि साइबर संसार के अपराधी भी इसके विशेषज्ञ ही होते हैं और सामान्य तौर पर इनके लिए भी हैकर शब्द का ही प्रयोग किया जाता है. लेकिन इन साइबर अपराधियों के लिए हैकर के बदले ‘क्रैकर’ शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. कार्यक्रम दो सत्र में आयोजित किया गया. उन्होंने बताया कि हैकिंग के क्षेत्र में कैरियर की अपार संभावनाएं भी हैं. अगर आप इंटरनेट पर एथिकल हैकर के नाम से सर्च करेंगे तो आपको कुछ नहीं मिलेगा. एक एथिकल हैकर को कहीं सिक्यूरिटी प्रोफेशनल कहती हैं तो नेटवर्क प्रोटेक्टर भी पुकारा जाता है. इसके बाद अर्पित ने सोशल इंजीनियरिंग के बारे में भी जानकारी दी. अमित गौतम ने बताया कि वर्कशॉप शनिवार को सुबह नौ बजे से शुरू होगी.
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पुलिस से नहीं बच सकेंगे साइबर अपराधी
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