ग्वालपाड़ा/उदाकिशुनगंज. व्यवहार न्यायालय में जेनेरेटर सुविधा रहने के बावजूद मुकदमा लड़ने वालों व अधिवक्ताओं को टिकट के लिए बिजली आने की प्रतीक्षा करनी पड़ती है. मालूम हो की बीते वर्ष उदाकिशुनगंज में व्यवहार न्यायालय की स्थापना की गयी. फ्रेकिंग मशीन के जरिये कोर्ट में काम आने वाले टिकट की व्यवस्था की गयी. फ्रेकिंग मशीन चलाने के लिए जेनेरेटर की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी, लेकिन व्यवहार न्यायालय में काम के लिए आने वाले लोगों का कहना है कि जेनेरेटर केवल कहने के लिए ही लगाया गया है. व्यवहार में कभी नहीं आता है. बिजली गुम होने के बाद मुवक्किल व वकील टिकट के लिए भटकते रहते है. जमानत हो जाने के बाद भी टिकट के अभाव में जेल में बंद कैदी बाहर तब तक नहीं आ पाते हैं जब तक बिजली के सहारे कागजातों पर टिकट उपलब्ध नहीं हो जाता है. परिणाम स्वरूप जमानत हो जाने के बाद भी लोगों को दूसरे दिन तक जेल में बंद रहना पड़ता है. दूसरी तरफ न्यायालय का समय सात बजे से साढ़े 12 बजे तक है, जबकि एसडीओ कोर्ट का समय दस बजे से शुरू होता है. लोगों ने टिकट काउंटर सात बजे सुबह से चार बजे शाम तक खुली रहने व जेनेरेटर सुविधा बहाल करने की मांग की.
कोर्ट में बिजली नहीं रहने से परेशानी
ग्वालपाड़ा/उदाकिशुनगंज. व्यवहार न्यायालय में जेनेरेटर सुविधा रहने के बावजूद मुकदमा लड़ने वालों व अधिवक्ताओं को टिकट के लिए बिजली आने की प्रतीक्षा करनी पड़ती है. मालूम हो की बीते वर्ष उदाकिशुनगंज में व्यवहार न्यायालय की स्थापना की गयी. फ्रेकिंग मशीन के जरिये कोर्ट में काम आने वाले टिकट की व्यवस्था की गयी. फ्रेकिंग मशीन चलाने […]
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