पिछले तीन दिनों से मौसम में अचानक आया परिवर्तन रुक-रुक कर हो रही है बारिस सुबह से ही बूंदाबांदी बारिश है शुरू, लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में परेशानीलखीसराय. बिन बुलाये मेहमान की तरह बिन मौसम के बारिश लोगों के लिए आफत बनी हुई है बिन मौसम के बारिश के कारण मौसम ठंड हो चुका है. लोग गर्म कपड़े निकालकर पहनना शुरू कर दिया है. मौसम के करवट बदलते ही लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पिछले तीन दिनों से बूंदाबांदी बारिश हो रही है. बुधवार एवं गुरुवार को रुक रुक बारिश हो रही थी, लेकिन गुरुवार से जब शाम से बारिश होने लगी तो रुकने शुक्रवार तक रुकने का नाम हो नहीं ले रहा था. पूरे दिन बारिश होने के कारण लोगों को समय से अनिवार्य कार्य को लेकर निकले तो उन्हें भींगना पड़ा. आईएमडी के अनुसार 29 से 31 अक्तूबर तक बारिश की संभावना व्यक्त की गयी थी, लेकिन मौसम का मिजाज देखकर ऐसा नहीं लग रहा है कि बारिश अभी रुकने वाला है. बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के कारण मोथा लहर उठी. जिसका प्रभाव लखीसराय जिले तक दिखाई दे रहा है. इस बार लगातार बारिश होने के कारण लोगों को काफी हानि भी पहुंचा हैं. हाल ही के महीना आसीन माह तक बारिश होने के कारण लोगों को घर में रहना भी दुश्वार हो रह था भी इस तकलीफ को लोग भूल भी नहीं पाये कि छठ के दूसरे दिन से ही मौसम ने करवट ले ली एवं बूंदाबांदी बारिश शुरू हो गया. बारिश के कारण सड़कों पर लोग कम ही दिखाई दे रहे थे. हालांकि लोगों का मानना है कि छठ मां की महिमा के कारण ही छठ समाप्त होने तक मौसम ठीक रहा है.
वर्षा के कारण धान को नुकसान, सब्जियों का बुआई पर लगा रोक
वर्षा के कारण किसानों को नुकसान साबित हो रहा है. किसानों के धान के पके फसल को नुकसान भी पहुंचा है. पके धान के फसल का चावल काला भी हो सकता है. जिस तरह गुरुवार को पूरी रात एवं शुक्रवार को पूरे दिन बारिश हुई है. इस तरह एक दो दिन लगातार बारिश हुई तो किसानों को काफी नुकसान पहुंच सकता है. दूसरी ओर टाल क्षेत्र के कुछ हिस्से का पानी निकल चुका था, टाल के कुछ हिस्सों में दलहन का बुआई हो भी गया. जिसका पौधा अभी छोटा है, लेकिन अब और लगातार बारिश हुई तो फसल को नुकसान पहुंच सकता है. जिले के कुछ किसानों द्वारा अभी टमाटर, हरी मिर्च, बैंगन, आलू आदि सब्जियां बोने के लिए खेत तैयार किया गया था, लेकिन लगातार बारिश किसान के सब्जी का फसल पिछात हो सकता है, किसान धनिया का बुआई कर चुके हैं. धनिया लहसुन का छोटा-छोटा पौधा भी तैयार हो चुका है, लेकिन लगातार बूंदाबांदी बारिश के कारण उन्हें अब फसल की चिंता सताने लगी है. केवीके का प्रधान वैज्ञानिक सुधीर चंद्र कुमार ने बताया कि इस माह में वर्षा के पानी की कोई जरूरत नहीं है. यह बारिश किसान के फसल के लिए नुकसानदेह ही साबित होगी.किऊल नदी में बनाया गया पुल का बढ़ा फिसलन,बाइक सवार मुख्य सड़क पर चढ़ने के क्रम में गिरते है नीचे
किऊल नदी पर बनाया गया अस्थायी कच्चा रास्ता सह पुलिया को पार करने एवं सड़क पर जाने के लिए ऊंचाई पर चढ़ने में बार बार फिसल कर गिर रहे है, लेकिन लोग आवागमन नहीं छोड़ रहे हैं. खासकर चानन क्षेत्र के लोगों को इस रास्ते से गुजरना मुश्किल हो रहा है. उन्हें समान आदि लेकर चढ़ाव पर चढ़ना मुश्किल हो रहा है, लेकिन सात किलोमीटर घूमकर जाने से अच्छा वे सब बाइक एवं चार चक्का को नदी में हो छोड़कर बाजार की ओर निकल जाते हैं. रास्ता इतना कठिन होने के बाद भी लोग आवाजाही नहीं छोड़ रहे है. दूसरी ओर नदी का रास्ता पार कर सूर्य नारायण घाट के रास्ते में कीचड़ हो गया है ऐसे में किऊल नदी होकर जाना मुश्किल हो रहा है.
बारिश के बावजूद भी प्रत्याशी एवं उनके समर्थक लोगों से किया जनसंपर्कमहिलाओं की टोली भी आज से अपने प्रत्याशी के पक्ष उतरी मैदान में लखीसराय. बारिश के बावजूद भी प्रत्याशी एवं उनके समर्थक वोटरों को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. समर्थक भींग कर भी लोगों से वोट मांगते हुए नजर आ रहे थे. दलीय एवं निर्दलीय उम्मीदवार अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. यही कारण है कि बरसात में भी जनसंपर्क कर रहे हैं. सूर्यगढ़ा विधानसभा में त्रिकोणीय चुनाव का होना तय माना जा रहा है. वहीं लखीसराय विधानसभा में प्रत्याशी एक से बढ़कर एक दिग्गज प्रचारक को उतार रहे हैं. वहीं अभी कई स्टार प्रचारक अभी भी उतरना बाकी है. जीत के सेहरा किसके सिर बंधेगा यह भविष्य के गर्भ में छुपा है. दोनों विधानसभा चुनाव 2025 को प्रशासन पूरी तरह से तैयार नजर आ रहा है. मतदान से मतगणना तक तैयारी लगभग पूरी कर ली गयी है. बादलों से घिरा रहा आसमान, लगातार होती रही बारिशमेदनीचौकी. क्षेत्र में गुरुवार की शाम से लगातार बारिश हो रही है जिसका क्रम शुक्रवार को दिन भर जारी रहा. इस दौरान आसमान बादलों घिरा रहा, हवा के सहयोग से लगातार बारिश होती रही. बारिश कभी रिमझिम तो कभी तेज हो रही थी. लोगों का दिनचर्या जिससे काफी प्रभावित हुआ. आवश्यक कार्यों में बाधा पड़ी. अभी चुनाव की घड़ी है. बारिश के वजह से प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार ठप पड़ गया. लोगों के घरों से कम निकलने पर बाजार-हाट की बिक्री प्रभावित हुई. इधर, धान के किसानों पर लगातार बारिश से आफत आ गया है. खेतों में पका हुआ धान गिरकर सतह पकड़ लिया है. ऐसे में लगातार बारिश से गहराई वाले रकबों में पानी जमने लगा है. पानी के संपर्क से पके हुए धान का दाना खराब होना लाजिमी है. इससे किसान काफी घबड़ाये हुए हैं.
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