एक घर में शौचालय के लिए टंकी की खुदाई के दौरान मिली थी मूर्ति
लखीसराय. जिले का पुरातात्विक इतिहास लोगों को आज भी गौरवान्वित कर रहा है. जिले के विभिन्न क्षेत्रों से मिलने वाली पुरातात्विक महत्व की मूर्तियां व अन्य सामग्री जिले के प्राचीन स्वर्णिम इतिहास को बताने का काम कर रही है. यहीं कारण है कि विगत समय में लाली पहाड़ी की खुदाई में बौद्ध महाविहार का भग्नावशेष मिलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जिले में संग्रहालय की आवश्यकता जताते हुए लखीसराय संग्रहालय का निर्माण कराया गया था. जो आज संचालित हो लोगों को जिले के पुरातात्विक इतिहास से परिचित करा रहा है. इसी क्रम में अब लोग भी इस दिशा में सचेत हो रहे हैं. जिसका उदाहरण सोमवार को लखीसराय संग्रहालय में देखने को मिला. जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड के रामपुर गांव निवासी प्राइवेट शिक्षक राजेंद्र प्रसाद सिंह एवं काली देवी के पुत्र अनिल कुमार सिंह, उनकी धर्मपत्नी नूतन देवी, पुत्र गुलशन कुमार, पुत्रवधु प्रीति कुमारी, सुपौत्र सुशांत कुमार पीयूष, ऋषिका राज, नुरानी देवी एवं सोनू कुमार संपूर्ण परिवार एक निजी वाहन से अपने घर के पास मिले नौंवी व दशमी शताब्दी काल की 88x42x26 सेमी के काले पत्थर की भगवान विष्णु के वाहन स्वरूप गरुड़ की प्रतिमा जो अंजली मुद्रा में कमलासन पर विराजमान हैं को संग्रहालय अध्यक्ष डॉ सुधीर कुमार यादव को संग्रहालय पहुंच सौंपा. मौके पर डॉ यादव ने बताया कि राजेंद्र प्रसाद सिंह के घर की शौचालय निर्माण के लिए नींव की खुदाई के दौरान 12 फीट की गहराई से विगत आठ मार्च 2022 को यह प्रतिमा प्राप्त हुई थी. जिसे उनके परिवार के सदस्यों द्वारा संग्रहालय के कार्य से प्रभावित होकर भगवान गरूड़ की दो तरफा उत्कीर्ण प्रस्तर प्रतिमा को संग्रहालय दीर्घाओं में प्रदर्शन के लिए सौंपा है. उन्होंने प्रतिमा की प्राप्ति के लिए दाता का नाम प्रदर्शन पेडस्टल पर अंकित करने का वचन दिया. मौके पर दीर्घा प्रभारी राजेश कुमार, सुरक्षा गार्ड अंकित कुमार, ऋतुराज, सूरज कुमार, राहुल कुमार, सुमित कुमार, राजेंद्र यादव, राकेश कुमार आदि संग्रहालय कर्मी उपस्थित थे. वहीं जिले के पिपरिया प्रखंड के वलीपुर निवासी सह विश्वभारती शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के प्राध्यापक प्रो अनिल कुमार ने पुरातात्विक महत्व की मूर्ति को संग्रहालय को सौंपे जाने की सराहना करते हुए जिले के अन्य भागों में मौजूद पुरातात्विक महत्व की मूर्तियों को भी लोगों से संग्रहालय में सौंपने की अपील की. जिससे पुरातात्विक महत्व की मूर्तियां संरक्षित रह सके और जिले के इतिहास को लोगों का भी बताया जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है