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आत्मा उठायेगा बकरी पालकों के प्रशिक्षण का खर्च

कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा किसानों के विकास को लेकर नित्य नये-नये अभियान चलाती आ रही है.

लखीसराय. कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा किसानों के विकास को लेकर नित्य नये-नये अभियान चलाती आ रही है. किसानों को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर अन्य विभागों से समन्वय बनाकर कई योजनाओं पर कार्य कर रही है. नयी फसलों की खेती, नगदी फसल उत्पादन, फसलों एवं सब्जियों की खपत को उद्योग से जोड़ने, किसानी कार्य को लेकर किसानों को दक्ष बनाने के लिए प्रशिक्षण देने दिलाने आदि का कार्य प्रमुखता से शामिल है. लखीसराय जिले में गरीब गुरबों की एक बहुत बड़ी आबादी बकरी पालन से भी जुड़ी हुई है. ऐसे में आत्मा बकरी पालन से जुड़े किसानों को बेहतर नस्ल के बकरी पालन संबंधित प्रशिक्षण दिलायेगा. इसके लिए पशुपालन विभाग द्वारा बकरी पालन से जुड़े 33 किसानों का चयन किया जायेगा. जिन्हें प्रशिक्षण के लिए राज्य से बाहर कांके रांची भेजने की योजना तैयार की गयी है. कृषि विभाग से संबद्ध तकनीकी प्रसार के लिए उत्तरदाई स्वायत पंजीकृत संस्था कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा वित्तीय वर्ष 2024-25 अंतर्गत इस योजना को तैयार कर इस पर खर्च को लेकर प्रशिक्षण संस्थान से व्यय रिपोर्ट की मांग की है. जिला कृषि पदाधिकारी सह आत्मा के प्रभारी निदेशक सुबोध कुमार सुधांशु द्वारा इस संबंध में पत्राचार कर बजट प्रस्ताव उपलब्ध कराने की मांग की गयी है.

प्रशिक्षण के खर्च को लेकर किया गया है पत्राचार

33 कृषकों का तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण पशु चिकित्सा महाविद्यालय कांके रांची में कराने के लिए विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण में व्यय राशि के प्रस्ताव हेतु उसके निदेशक से पत्राचार किया गया है. आत्मा के लेखा पदाधिकारी पंकज पांडेय के अनुसार बकरी पालन से जुड़े किसानों को बेहतर रखरखाव प्रबंधन के साथ-साथ अच्छी नस्ल के बकरी पालन हेतु प्रशिक्षण दिया जायेगा. कांके प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक से प्राप्त भौतिक लक्ष्य का अनुमोदन जिलाधिकारी रजनीकांत तथा आत्माशासी के सभी सदस्यों से अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है. व्यय प्रस्ताव आते ही इस योजना पर अमल किया जायेगा. साथ ही साथ व्यय को लेकर राशि का हस्तांतरण संबंधित विभाग को कर दिया जायेगा. इधर, प्रस्ताव के उपरांत लखीसराय जिले के सातों प्रखंड से बकरी पालक किसानों के चयन में कुशल युवा योजना अंतर्गत नव युवकों को प्राथमिकता सूची में रखा जायेगा. बताते चलें कि कृषि विभाग से संबद्ध आत्मा उन प्रमुख भागीदारों की संस्था है जो जिला में कृषि के विकास को स्थायित्व प्रदान करने संबंधी कृषि की गतिविधियों में संलग्न है. यह कृषि प्रसार एवं अनुसंधान कार्य को एकीकृत रूप से किसानों के बीच लाने में मददगार साबित हो रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी सह आत्मा के प्रभारी परियोजना निदेशक सुबोध कुमार सुधांशु से मिली जानकारी के अनुसार बकरी पालक किसानों के चयन का दायित्व एटीएम, बीटीएम के साथ अपने-अपने प्रखंड के प्रखंड कृषि पदाधिकारी को भी दिया जायेगा. किसानों के चयन प्रक्रिया में व्यवसाय में रुचि रखने वाले किसानों के साथ-साथ अनुसूचित जाति जनजाति को प्राथमिकता सूची में रखा जायेगा. जिले की एक बड़ी आबादी बकरी पालन व्यवसाय से जुड़ी हुई है. चयन प्रक्रिया होने के बाद डीएम से संपर्क बनाकर प्रशिक्षण कार्यक्रम की अंतिम रूप रेखा बनेगी. पशु चिकित्सा महाविद्यालय कांके बकरी पालन को लेकर प्रशिक्षण देने के साथ-साथ नये-नये नस्ल की उपलब्धता, उसके पालन-पोषण के संबंध में भी जानकारी देता है.

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