लखीसराय.
हुनर को प्रोत्साहन के साथ ही महिला स्वावलंबन व महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जीविका द्वारा ग्रामीण महिलाओं को जीविकोपार्जन के लिए अब उनकी योग्यता और रूचि के अनुरूप सिलाई केंद्रों से भी जोड़ा जा रहा है. लखीसराय जिला में अब तक जीविका द्वारा 14 सिलाई केंद्रों का संचालन शुरू कर दिया गया है. इन केंद्रों से चार सौ से अधिक जीविका दीदियों को रोजगार और उनके हुनर को सम्मान मिला है. शुक्रवार को लखीसराय सदर, रामगढ़ चौक, हलसी, सूर्यगढ़ा, चानन और बड़हिया प्रखंड में सिलाई सह परिधान उत्पादन केंद्र का शुभारंभ किया गया. सदर और रामगढ़ चौक प्रखंड में केंद्र का शुभारंभ जीविका की जिला परियोजना प्रबंधक अनीता कुमारी ने किया. इन केंद्रों पर जीविका दीदियों के लिए सिलाई कटाई का प्रशिक्षण भी तत्काल शुरू कर दिया गया है. गत जुलाई माह में तीन सिलाई केंद्र जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड के बरियारपुर और महेशपुर में शुभारंभ किया गया था. वहीं बीते गुरुवार को भी सूर्यगढ़ा में दो और चानन में एक सिलाई केंद्र का शुभारंभ हुआ था. इस प्रकार के दीदी का सिलाई केंद्रों को जिले के सभी प्रखंडों में खोलने की प्रक्रिया जारी है.प्रति सिलाई केंद्र 25 से अधिक जीविका दीदियों को रोजगार
जीविका से संबंद्ध संकुल स्तरीय संघ द्वारा सिलाई केंद्रों के संचालन का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाना और उन्हें रोजगार के नये अवसर प्रदान करना है. इन सिलाई केंद्रों से आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए ड्रेस की सिलाई होगी और मांग के अनुरूप आपूर्ति की जायेगी. बाद में अन्य विद्यालयों में भी ड्रेस की आपूर्ति की जायेगी. प्रति सिलाई केंद्र 25 से अधिक जीविका दीदियों को रोजगार मिला है. बता दें कि विगत एक जुलाई 2025 को बिहार सरकार के जीविका, ग्रामीण विकास विभाग एवं समेकित बाल विकास सेवा, समाज कल्याण विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर हुआ था. जिसके तहत अब राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को पोशाक जीविका दीदियों के माध्यम से उपलब्ध करायी जायेगी. लखीसराय जिला के प्रति प्रखंड में कम से कम चार सिलाई केंद्र के संचालन का निर्देश प्राप्त है. लिहाजा सिलाई केंद्रों के संचालन हेतु स्थल एवं हुनरमंद जीविका दीदियों का चयन प्रक्रिया जारी है. खोले गये सभी सिलाई केंद्रों के संचालन एवं पोशाक समेत अन्य परिधानों की सिलाई-कटाई के लिए चयनित महिलाओं को सात दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया गया है. इन सिलाई इकाइयों के माध्यम से स्थानीय महिलाएं स्कूल ड्रेस और अन्य प्रकार के परिधानों की सिलाई करेंगी. इसके लिए इन्हें प्रशिक्षण, मार्गदर्शन व सहयोग प्रदान किया जा रहा है.
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