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राजकीय संरक्षित लाली पहाड़ी पर स्थापित होगी भगवान बुद्ध की प्रतिमा: डीएम

डीएम मिथिलेश मिश्र ने कहा है कि पर्यटकों के आकर्षण, दर्शनीय एवं फोटोग्राफी प्वाइंट बनाने के लिए लखीसराय के राजकीय संरक्षित बौद्धकालीन लाली पहाड़ी पर भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा लगायी जायेगी.

बौद्धकालीन लाली पहाड़ी का डीएम मिथिलेश मिश्र ने किया निरीक्षण

ढाई करोड़ की लागत से लाली पहाड़ी की पुरानी पुरातात्विक धरोहर को किया जा रहा नवीकरण

लाली पहाड़ी पुरास्थल की पुरानी संरचना का मार्च 2025 तक पूरा हो होगा नवीनीकरण कार्य

लखीसराय. डीएम मिथिलेश मिश्र ने कहा है कि पर्यटकों के आकर्षण, दर्शनीय एवं फोटोग्राफी प्वाइंट बनाने के लिए लखीसराय के राजकीय संरक्षित बौद्धकालीन लाली पहाड़ी पर भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा लगायी जायेगी. कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा ऐसी कार्य योजना बनायी जा रही है. वहीं यहां आने वाले पर्यटकों को सुविधा के लिए उन्होंने सुगम रास्ता और बरसाती पानी की निकास देने का निर्देश उन्होंने एजेंसी को दिया.

डीएम मंगलवार को बौद्धकालीन राजकीय संरक्षित लाल पहाड़ी का निरीक्षण किया. उन्होंने दो करोड़ 47 लाख तीन हजार 703 रुपये की लागत से पुरातात्विक कार्य स्थल पर चल रहे नवीनीकरण कार्य का जायजा लिया, जहां-तहां बिखरे पड़े मूर्तियों को संरक्षित प्वाइंट पर रखे जाने के लिए उन्होंने कार्यकारी एजेंसी को निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पुरास्थल पर जलजमाव से संरक्षित ईंट को खराब हो जाने की संभावना बनी रहती है. बरसाती पानी के बहाव को सुगम रास्ता देने के लिए कार्यकारी एजेंसी को उन्होंने को समुचित आदेश दिया. डीएम ने कहा कि लखीसराय लाली पहाड़ी पर बौद्धकालीन श्रीमद धम्म विहार का पुरातात्विक अवशेष मिला है, यह लखीसराय के लिए गौरव की बात है. कार्यकारी एजेंसी के मैनेजर अरविंद कुमार ने दावा है कि बौद्ध कालीन पुरास्थल नवीनीकरण का कार्य मार्च 2025 पूरा कर लिये जाने का लक्ष्य है.

लाली पहाड़ी व घोसीकुंडी के बीच किऊल नदी पर हो पुल निर्माण

सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते 25 नवंबर 2017 को बौद्धकालीन लाली पहाड़ी पर पहुंचे थे. उसके बाद उत्खनन कार्य शुरू कराया था. मुख्यमंत्री ने लाल पहाड़ी और घोसीकुंडी के बीच किऊल नदी पर बड़ा आरसीसी पुल निर्माण की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था लाल पहाड़ी, बिछवे पहाड़ और घोसीकुंडी पहाड़ को कनेक्ट कर बौद्ध सर्किट पर्यटन केंद्र बनाया जायेगा, इसकी जिम्मेदारी बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग को सौंपी गयी थी. बौद्ध पर्यटन स्थल को विकसित करने के लिए सरकार उक्त तीनों पहाड़ को सड़क मार्ग से जोड़ कर बिहार के नालंदा जिले के राजगीर जैसे पर्यटन स्थल बनाए जाने का सपना दिखाया था.

श्रृंगीऋषि धाम व जलप्पा स्थान है श्रीराम की तपोभूमि

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सूर्यगढ़ा क्षेत्र के श्रृंगीऋषि धाम एवं चानन क्षेत्र के जलप्पा स्थान को भगवान श्रीराम की तपोभूमि करार देते हुए इसे विकसित किये जाने और पर्यटन केंद्र के रूप में विस्तार देने की भी घोषणा की थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा के आठ साल बाद भी पर्यटन को बढ़ावा देने का सपना महज सपना बनकर रह गया है.

राजनीतिक दलों ने किऊल नदी पर आरसीसी पुल निर्माण की मांग जारी

आठ साल पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणाओं को यहां के राजनीतिक दलों ने जोरदार तरीके से मांग उठायी है. सीपीएम के वरिष्ठ नेता मोती साह व सीपीएम माले के जिला सचिव चंद्रदेव यादव ने डीएम को अलग अलग पत्र लिख कर मुख्यमंत्री के घोषणा के अनुरूप किऊल नदी पर घोसीकुंडी एवं लाली पहाड़ी के बीच आरसीसी पुल निर्माण कराये जाने की पुरानी मांग को फिर बुलंद किया है. विदित हो कि सीएम ने बीते छह फरवरी को लखीसराय में लखीसराय एवं किऊल स्टेशन के बीच नदी पर पुल निर्माण का शिलान्यास किया था.

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