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29 करोड़ 28 लाख से लाली पहाड़ी का होगा विकास

29 करोड़ 28 लाख से लाली पहाड़ी का होगा विकास

-लाली पहाड़ी पुरास्थल पर पर्यटन सुविधाओं का किया जायेगा निर्माण व विकास

-कला संस्कृति युवा विभाग ने स्वीकृत की राशि

-वर्तमान में 3 करोड़ की राशि से खुदाई स्थल के संरक्षण का चल रहा है कार्य

-वर्ष 2017 से 2021 तक लाली पहाड़ी की खुदाई के दौरान निकला था बौद्ध महाबिहार का विस्तृत स्वरूप

-विकास 6 फरवरी को प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने लाली पहाड़ी पर पर्यटन सुविधाओं के विकास करने की कही थी बात

लखीसराय. विगत वर्ष 2017 से लेकर 2021 तक लाली पहाड़ी की खुदाई के दौरान मिले बौद्ध महाविहार के संरक्षण की दिशा में कार्य संचालित होने के उपरांत अब लाली पहाड़ी पर पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की पहल शुरू कर दी गयी है. छह फरवरी को प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा समाहरणालय परिसर स्थित मंत्रणा कक्षा में समीक्षा बैठक के दौरान जिले के लाली पहाड़ी, अशोक धाम एवं सत्संडा पहाड़ पर पर्यटन सुविधाओं के निर्माण व विकास करने की बात कही थी. इसके बाद से ही इस दिशा में पहल प्रारंभ कर दी गयी है. सबसे पहले अशोक धाम में पर्यटन विभाग के अधिकारी व डीएम द्वारा इस दिशा में कार्य योजना तैयार करने को लेकर भ्रमण किया गया था. अब विगत मंगलवार को कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के निदेशक पुरातत्व रचना पाटिल द्वारा लाली पहाड़ी पर पर्यटन सुविधाओं के निर्माण व विकास को लेकर 29 करोड़ 28 लाख 75 हजार रुपये की राशि स्वीकृत करते हुए महालेखाकार बिहार को पत्र लिखा गया है. जिसमें लिखा है की राशि की निकासी भवन निर्माण विभाग बिहार पटना के संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी द्वारा सचिवालय कोषागार विश्वेश्वरैया भवन पटना से की जायेगी एवं कार्यन्वयन के लिए राशि बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड पटना को उपलब्ध करायी जायेगी. बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड पटना इसका कार्यकारी अभिकरण होगा. जिनके द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति प्राक्कलन के अनुरूप कर संपादन के उपरांत भवन निर्माण विभाग बिहार पटना के माध्यम से कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार पटना को कार्यान्वयन प्रतिवेदन समर्पित किया जायेगा. राशि की निकासी आवश्यकता पड़ने पर ही की जायेगी. इस योजना का कार्य पुरातात्विक अनुशासन के अनुरूप किया जायेगा. विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन एवं तकनीकी रूप से स्वीकृत प्रकरण की प्रति संपुष्टि के लिए तथा एकारनामा की प्रति कला, संस्कृति एवं विभाग पटना को यथा समय उपलब्ध कराया जायेगा. पत्र में कहा गया है कि यह स्वीकृति वित्त विभाग के परिपत्र संख्या- 2561 दिनांक 17. 04.1998 एवं संकल्प संख्या- 12888 दिनांक 03.12.2024 के निहित प्रावधान के आलोक में दी गयी है. वहीं लाली पहाड़ी पर पर्यटन सुविधाओं के निर्माण एवं विकास को लेकर कला संस्कृति एवं विभाग विभाग द्वारा राशि स्वीकृत किये जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए लाली पहाड़ी की खुदाई में अहम भूमिका निभाने वाले विश्व भारती शांति निकेतन विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर डॉ अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर तथा केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह के प्रयास की वजह से ही यह कार्य सफल हो पाया है. उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहां है यह कार्य सफल हो जाने से लखीसराय निश्चित रूप से पर्यटन के मानचित्र अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा सकेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री के संग्रहालय आगमन पर लखीसराय के लाली पहाड़ी की खुदाई से संबंधित एक रिपोर्ट भी सौंपी थी जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा सराहना करते हुए इस दिशा में आगे का करने की बात कही गयी थी और मुख्यमंत्री द्वारा समीक्षा बैठक में इसे फलीभूत कर दिया गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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