लखीसराय. जिला विधिक सेवा प्राधिकार लखीसराय के अध्यक्ष सह जिला जज अजय कुमार शर्मा एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार लखीसराय के सचिव राजू कुमार के निर्देश के तहत पिपरिया प्रखंड के पवई गांव में रामानंद सिंह के दालान पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता पप्पू कुमार ने की. कार्यक्रम में डालसा के पैनल अधिवक्ता मनोज कुमार ने लोगों को पीसी और पीएनडीटी अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अधिनियम का अर्थ है गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन निषेध) अधिनियम, 1994. इसका उद्देश्य जन्म से पहले भ्रूण के लिंग के निर्धारण और प्रकटीकरण पर रोक लगाकर कन्या भ्रूण हत्या को रोकना है. यह अधिनियम आनुवंशिक असामान्यताओं या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाने के लिए प्रसव पूर्व निदान तकनीकों के उपयोग को भी विनियमित करता है, लेकिन लिंग निर्धारण के लिए नहीं. इसके साथ ही उन्होंने पीसी एवं पीएनडीटी अधिनियम के मुख्य पहलू की जानकारी दी. जिसमें बताया कि यह अधिनियम स्पष्ट रूप से जन्म से पहले, गर्भधारण से पहले या बाद में भ्रूण के लिंग का निर्धारण करने तथा लिंग के आधार पर बच्चे के चयन पर प्रतिबंध लगाता है. यह कानून लिंग-चयनात्मक गर्भपात के लिए प्रसवपूर्व निदान तकनीकों के दुरुपयोग को रोकने के लिए बनाया गया है, जिसके कारण भारत के कुछ भागों में लिंगानुपात में असंतुलन पैदा हो गया है. अधिनियम में कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए कारावास और जुर्माने सहित दंड का प्रावधान किया गया है. कार्यक्रम में विधिक स्वयं सेवक अजय कुमार यादव, पप्पू कुमार, रणजीत कुमार, सुमन कुमार, रीना कुमारी, सुहानी कुमारी, राधा कुमारी इत्यादि लोग मौजूद थे.
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