चानन. गोहरी पंचायत के कमियापुर निवासी डबलू कुमार दोनों पैरों से दिव्यांग हैं, और उन्हें रोज़मर्रा के कार्यों में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है. विशेष रूप से बरसात के मौसम में उनकी मुश्किलें और बढ़ जाती हैं. कीचड़ में चलने और बिना सहारे के जीवन जीने की चुनौती उनके लिए एक नियमित समस्या बन चुकी है. डबलू कुमार का कहना है कि ट्राई साइकिल के लिए उन्होंने कई पंचायत प्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन अब तक किसी ने भी उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया. ट्राई साइकिल न होने की वजह से उन्हें अपनी दैनिक ज़रूरतों के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है. किसी भी काम के लिए उन्हें अपने पैरों से चलने की बजाय कीचड़ में या फिर असुविधाजनक रास्तों पर चलना पड़ता है, जो उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से थका देता है. वे बताते हैं, “जब कीचड़ में गुजरते हैं, तो लगता है क्या करूं, समझ में नहीं आता. ” बावजूद इसके, डबलू कुमार की उम्मीदें अभी भी जीवित हैं. वे जिलाधिकारी तक अपनी बात पहुंचाने की उम्मीद लगाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि अब तक वे जिलाधिकारी के पास नहीं जा पाए हैं, क्योंकि कोई भी उन्हें वहां तक पहुंचने में मदद नहीं करता. फिर भी उनका विश्वास है कि किसी न किसी दिन उनकी फरियाद डीएम तक पहुंचेगी और उन्हें ट्राई साइकिल मिल सकेगी, जिससे उनके जीवन में कुछ सहूलियत आएगी. डबलू कुमार की कहानी हमारे समाज के लिए एक जागरूकता का सवाल है, जहाँ दिव्यांगजन के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी और उनकी मदद के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही कहीं न कहीं उनके संघर्षों को और बढ़ा देती है. डबलू की आवाज़ शायद किसी दिन उन तक पहुंचे, जिनके हाथ में निर्णय लेने की ताकत हो.
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