हलसी. प्रखंड मुख्यालय स्थित गायत्री मंदिर परिसर में गुरुवार को बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की जयंती समारोह बड़े ही धूमधाम व श्रद्धा के साथ मनायी गयी. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष अंशु कुमारी तथा विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त बीडीओ अनिल सिंह सहित अन्य गणमान्य लोगों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. मंच संचालन शिक्षक नेता बिपिन बिहारी भारती ने किया.समारोह में उपस्थित अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र व फूल मालाओं से किया गया. इस अवसर पर डॉ श्रीकृष्ण सिंह की स्मृति प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. वक्ताओं ने ‘बिहार केसरी’ के पदचिह्नों पर चलने का आह्वान किया और उनके योगदान को याद किया. जिला परिषद अध्यक्ष अंशु कुमारी ने कहा कि श्री बाबू ने जमींदारी प्रथा का उन्मूलन व लैंड सीलिंग जैसे साहसिक कदम उठाए थे. उन्होंने बिहार में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देते हुए बड़े-बड़े कल-कारखाने स्थापित किए. अंशु कुमारी ने कहा कि अब तक डॉ श्रीकृष्ण सिंह को भारत रत्न नहीं दिया जाना अत्यंत दुखद है और यह बिहार की अस्मिता का प्रश्न है. कार्यक्रम के अध्यक्ष शिवेंद्र कुमार डब्ल्यू ने कहा कि श्री बाबू किसानों व गरीबों के सच्चे नेता थे, जिन्होंने बिहार को नई दिशा दी. वहीं विशिष्ट अतिथि अनिल कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने न केवल सामाजिक सुधारों की पहल की, बल्कि देवघर स्थित बैजनाथ धाम मंदिर में दलितों के प्रवेश का मार्ग प्रशस्त कर समाज में समानता का संदेश दिया. कार्यक्रम के अंत में सभी वक्ताओं ने एक स्वर में केंद्र सरकार से डॉ. श्रीकृष्ण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की. इस अवसर पर भागीरथ प्रसाद शर्मा, अजय कुमार सिंह, ललन सिंह, दीपक कुमार, चंदन कुमार, टनटन सिंह, कुंदन कुमार, चुनचुन सिंह, अजीत सिंह, राहुल कुमार, अधीर सिंह, सुजीत पांडे, मुरारी कुमार, शैलेंद्र सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.
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