Bihar: बिहार के लखीसराय जिले में शिक्षा विभाग की योजनाओं में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. इस घोटाले में अब तक 36 प्रधानाध्यापकों और 13 वेंडरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. जिला शिक्षा अधिकारी संजय कुमार के मुताबिक, यह घोटाला विद्यालयों के विकास के लिए निर्धारित योजनाओं के क्रियान्वयन में गड़बड़ी के रूप में सामने आया है.
जांच और केस दर्ज करने की प्रक्रिया
शिक्षा विभाग के डीपीओ ने रविवार को टाउन थाना में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करवाई. इस कार्रवाई के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है. अधिकारियों के मुताबिक, 52 योजनाओं में से 29 योजनाओं में भ्रष्टाचार पाया गया, जिसमें विद्यालयों के विकास के लिए तय राशि का गलत तरीके से भुगतान किया गया. डीपीओ ने जांच के बाद दो अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज करवाई है.
आरोपी कौन हैं?
इस मामले में 36 प्रधानाध्यापक और 13 वेंडर आरोपी बनाए गए हैं. इन आरोपियों ने योजनाओं के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से राशि का भुगतान लिया. इनमें से कुछ प्रधानाध्यापक तो पहले से ही संदिग्ध थे. आरोप है कि इन प्रधानाध्यापकों ने शिक्षा विभाग की योजनाओं में अनियमितताएं कीं और सरकारी धन का दुरुपयोग किया.
वेंडरों के नाम भी सामने आए हैं, जिनमें अमन ट्रेडर्स, नव्या इंटरप्राइजेज, एसआरएस ट्रेडर्स जैसी कंपनियां शामिल हैं. इन वेंडरों ने बिना काम किए ही राशि प्राप्त की.
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आगे की कार्रवाई
डीपीओ संजय कुमार ने कड़ी कार्रवाई की बात की है और सभी आरोपियों के खिलाफ पूरी कानूनी प्रक्रिया को अपनाने का आश्वासन दिया है. विभाग ने इस मामले में सभी आरोपी प्रधानाध्यापकों को निलंबित करने की सिफारिश की है और वेंडरों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.